रायपुर।
विधानसभा का मानसून सत्र का सफर निर्धारित समयावधि के पूर्व ही 3 अगस्त को थम गया। कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री को लेकर हंगामा मचा रहे विपक्ष को अब विधानसभा के भीतर शोर मचाने का अवसर नहीं मिलेगा। अचानक समाप्त किए गए सत्र के आखिरी दिन सरकार ने अनुपूरक बजट पास करा लिया।
विधानसभा का समय बेहद कीमती माना जाता है। सत्ता-विपक्ष की जिम्मेदारी बनती है कि समय का सदुपयोग किया जाए लेकिन छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान इतने आरोपों की बारिश हुई कि न तो कुछ समझ आया और न ही कोई हल निकला। अंतत: शुक्रवार को सत्र अनिश्चित काल के लिए खत्म कर दिया गया।
महत्वपूर्ण कार्य निपटाए गए
विपक्ष के शोरगुल के बीच सरकार का सारा जोर अपने महत्वपूर्ण कार्य निपटाने की ओर था। एक हज़ार 7 सौ 77 करोड़ 57 लाख 24 हजार 453 रुपए का अनुपूरक बजट इस दौरान पास कराया गया। विनियोग भी सरकार ने आनन-फानन में पास करा लिया। और तो और महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक भी पेश कर दिया।
इधर सरकार की यह कार्रवाई विपक्ष को समझ आ रही थी और उसने सदन में डटे रहने की रणनीति अपनाई। आसंदी के बार-बार अनुरोध के बावजूद विपक्ष के विधायक बेल में नारेबाजी करते नजर आए।