राजनांदगांव। साइबर क्राइम के फैलते मकड़जाल में न केवल युवा फंस रहे हैं, बल्कि स्कूली बच्चे, महिलाएं, कई विभागों के पढ़े-लिखें अफसर भी इसका शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधी विभिन्न तरह का लालच देकर अपने जाल में फंसा लेते है। इसी बात को लेकर राजनंदगाव जिले के घुमका कॉलेज में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित वित्तिय साक्षरता एवं पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस मौके पर जिले के कप्तान आईपीएस मोहित गर्ग मुख्य अतिथि रहे। साथ ही वित्तीय साक्षरता से तेजस्वी वर्मा, कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सत्यदेव त्रिपाठी, ग्राम पंचायत सरपंच फूलमति वर्मा, घुमका थाना प्रभारी बसंत बघेल, महरुमखुर्द सरपंच प्रतिनिधि नीलू वर्मा, नवनीत चंदेल, डाक्टर देशलहरा, डॉक्टर रोहन प्रसाद, प्रीति, दीपक वर्मा, भारतेतु वर्मा सहित बड़ी संख्या में कॉलेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता की पूजा-अर्चना के बाद राजकीय गीत के साथ प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने साइबर के बढ़ते अपराधों को जाना व उनसे बचने के उपाय भी सीखें। बच्चों को सोशल मीडिया से लेकर बैंकिंग तक में होने वाले साइबर ठगी और उससे बचाव के बारे में आईपीएस मोहित गर्ग ने छात्र-छात्राओं को सोशल मीडिया में अंजान वीडियो कॉल और इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल करते वक्त उन्हें अलर्ट रहने की बात बताई गई, ताकि वह खुद ही जागरूक हो और साइबर अपराध से खुद ही बच सकें। इसके अलावा एसपी ने अभिव्यक्ति ऐप, यातायात जागरूकता, तीन नए कानूनों सहित अन्य जानकारी दिया गया।
इस दौरान वित्तीय साक्षरता से तेजस्वी वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया जो जिंदगी को आसान बनाती है, वो उतनी ही मुसीबत अपने साथ लेकर आती है। विद्यार्थियों को साइबर क्राइम से बचने के लिए विविध प्रकार की जानकारी प्रदान की गई। उनको बताया गया कि तकनीक के इस युग में जितनी तेजी से डिजिटल लेन देन को बढ़ावा मिला है, उतनी ही तेजी से ठगी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। खुद को साइबर ठगों से बचाने के लिए सबसे जरूरी जागरूकता व सतर्कता है। किसी भी अज्ञात नंबर से प्राप्त हुए लिंक को ना खोले और किसी भी फोन कॉल, संदेश, ई-मेल इत्यादि पर दिए गए प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करे।
कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि जिस गति से तकनीक ने उन्नति की है, उसी गति से मनुष्य की मोबाइल इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। एक ही जगह पर बैठकर, इंटरनेट के जरिये मनुष्य की पहुंच, विश्व के हर कोने तक आसान हुई है, लेकिन एक छोटा सा भी गलती हमारे लिए घातक साबित हो रहा है। एक गलत क्लीक मात्र से आप साइबर अपराध के शिकार हो सकते हैं। इससे बचने के लिए सावधानी अवश्य बरतनी होगी।
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