राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति अंतर्गत स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग समन्वय करते हुए कार्य करें। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने जिले में स्वाईन फ्लू के मरीजों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि स्वाईन फ्लू फैलने वाली बीमारी है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्वाईन फ्लू के लक्षण और बचाव के आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने टेस्ट की संख्या बढ़ाने कहा। उन्होंने स्वाईन फ्लू के मरीजों की जांच कर उन्हें आईसोलेट करने कहा। स्वाईन फ्लू के मरीजों का चिन्हांकन कर ईलाज करने कहा, साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों की भी जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी बीएमओ को ग्रामीण क्षेत्र में स्वाईन फ्लू के मरीजों का चिन्हांकन और ईलाज करने कहा। उन्होंने स्वास्थ्य अमले को सक्रिय होकर कार्य करने कहा। उन्होंने कहा कि जिले में रोड कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छे से मुहैया होना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिलेवासियों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिले। इस दिशा में व्यवस्थित एवं मजबूती से कार्य करने की जरूरत है। जनसामान्य का स्वास्थ्य प्राथमिकता है। विकासखंडवार संस्थागत प्रसव की समीक्षा की तथा डिलिवरी के लिए ट्रेकिंग सिस्टम बनाने की बात कही।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि गर्भवती माताओं को चिन्हांकित करते हुए उनके स्वास्थ्य परीक्षण तथा पोषण के संबंध में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए उनका चिन्हांकन करते हुए एक व्यवस्था बनाने की जरूरत है, ताकि गर्भवती माताओं की जानकारी के साथ ही प्रसव की सूचना भी प्राप्त हो सके। शासन की इससे जुड़ी हुई बहुत सी योजनाएं हैं, जिससे उन्हें लाभान्वित करना है। एएनसी करने के पश्चात गर्भवती माताओं को लक्षित करते हुए कार्य करें। पंजीयन के लिए कोई भी गर्भवती महिला नहीं छूटे। उन्हें समय पर शत प्रतिशत वैक्सीन लगाने के साथ ही शासन की योजना का लाभ मिल सके यह सुनिश्चित करें। गर्भावस्था के दौरान ही शिशु के स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। गर्भवती माताओं को दो लोगों के लायक अतिरिक्त आहार और समय पर दवाईयां के सेवन की सलाह देने कहा। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को किए जा रहे, टीकाकरण के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस पर विशेष ध्यान देते हुए समय पर टीकाकरण कराना सुनिश्चित करें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन एवं एनएनएम को ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के टीकाकरण के लिए जागरूक एवं प्रोत्साहित करना होगा।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि स्कूली बच्चे और आंगनबाड़ी के बच्चों पर विशेष ध्यान देने कहा। उन्होंने कहा कि बच्चे देश के भविष्य है। स्वास्थ्य से संबंधित सभी शासकीय योजनाओं को बहुत अच्छे तरीके से संचालित करने कहा। उन्होंने कहा कि चिरायु योजना के अंतर्गत टेस्ट अधिक से अधिक करने कहा। जिससे सही समय में बच्चों का चिन्हांकन हो सके और उनका ईलाज शुरू हो सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्कूलों में स्वास्थ्य जागरूकता के संबंध में जानकारी देने कैम्प आयोजित करने कहा। स्कूली छात्राओं को हिमोग्लोबिन की कमी से क्या-क्या समस्याएं होती है और जीवन में आनी वाली दिक्कतों के संबंध में जागरूक करने कहा। उन्होंने स्कूली छात्राओं को खान-पान के प्रति जागरूकता के साथ दवाईयों के सेवन करने के तरीके के बारे में बताने कहा। कलेक्टर ने कहा कि जन्म से कम वजन वाले बच्चों का चिन्हांकन कर उनकी मां और परिजनों को जागरूक करने कहा। उन्होंने निक्षय मित्र बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टीबी के मरीजों को दवाईयों के साथ अच्छे खान-पान की जानकारी देने कहा। बैठक में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, मातृ-मृत्यु दर, सिकल सेल, शिशु मृत्यु दर, लिंगानुपात, फाइलेरिया, डेंगू, टीबी एवं अन्य कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती गुरप्रीत कौर, अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रदीप बैग, सिविल सर्जन डॉ. यूएस चंद्रवंशी, डॉ. पवन जेठानी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री भूमिका वर्मा, सभी कार्यक्रम के जिला सलाहकार, सभी विकासखंड के खंडचिकित्सा अधिकारी,विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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