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स्टेट ब्यूरो
रायपुर.
लोहारीडीह (कवर्धा) में हुई हिंसा, आगजनी और हत्याकांड के मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डा. अभिषेक पल्लव फिलहाल चुप्पी साधे बैठ गए हैं. दरअसल, उन पर हत्या का जुर्म दर्ज करने की अनुशंसा राज्य महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कर दी है.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती नायक ने रविवार को केंद्रीय जेल दुर्ग पहुुंचकर महिला बंदियों से मुलाकात की थी. उल्लेखनीय है कि लोहारीडीह गाँव की कुल 33 महिलाएं इन दिनों दुर्ग जेल में बंद हैं.
महिला आयोग की अध्यक्ष ने इन्हीं महिलाओं से पूछताछ कर बयान दर्ज किए थे. नेशन अलर्ट ने यह खबर प्रमुखता से लगाई भी थी. अब महिला आयोग ने अपनी रपट तैयार कर मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय, राष्ट्रीय अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग, राज्यपाल एवं मुख्य न्यायाधीश छग उच्च न्यायालय को भेजी है.
विश्वसनीय अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि रपट आईपीएस अभिषेक पल्लव के खिलाफ है. रपट में आईपीएस अभिषेक पल्लव के खिलाफ हत्या का जुर्म दर्ज करने की अनुशंसा की गई है.
बताया जाता है कि अध्यक्ष के साथ जांच दल भी गया था, जिसे जेल सुप्रिटेंडेंट ने रोकने की कोशिश की थी., इसे श्रीमती नायक दुर्भाग्यजनक बताती रही हैं. वे कहती हैं कि विस्तृत रपट सही जगह भेज दी गई है. इसमें जांच दल के निरीक्षण पर जाने के दिन की पूरी जानकारी है. दोषियों पर क्या कार्यवाही होनी चाहिए, उसकी अनुशंसा रपट भी साथ में है.
क्या है अनुशंसा . . ?
दुर्ग जिला जेल के महिला बंदनी प्रकोष्ठ में ग्राम लोहारीडीह की बंद सभी 33 महिला बंदियों का डॉक्टरी मुलाहजा और उनकी चोटो की वीडियोग्राफी तत्काल कराने की अनुशंसा करने का उल्लेख है. उक्त वीडियोग्राफी के साथ पूर्व शासकीय अभिभाषक शमीम रहमान, तहसीलदार क्षमा यदु एवं डॉ. कीर्ति बजाज की उपस्थिति सुनिश्चित करने की भी अनुशंसा की गई है.
एसपी रहे अभिषेक पल्लव के साथ ग्राम लोहारीडीह में जाने वाले अन्य पुलिस अधिकारी और पुलिस बल में जाने वाले सभी महिला एवं पुरूष पुलिसकर्मियों की शिनाख्ती परेड कराने की भी अनुशंसा की गई है.लोहारीडीह जेल में बंद 33 महिलाओं को मारने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान शिनाख्ती परेड से कराने का उल्लेख किया गया है.
पुरूष जेल में बंद रहे कैदी प्रशांत साहू की मौत के लिए जिम्मेदार तत्कालीन कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव और अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज कराने लिखा गया है. कवर्धा जिला पुलिस प्रशासन द्वारा बिना सर्च वारंट के महिलाओं के घर का दरवाजा तोड़कर की गई गिरफ्तारी और थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर प्राणघातक हमला करने वाले सभी पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की गई है.
दिनांक 14 सितंबर से लेकर दिनांक 20 सितंबर तक एसपी रहे अभिषेक पल्लव के शासकीय मोबाइल व पर्सनल मोबाइल के पूरे कॉल डिटेल और लोकेशन के आधार पर जाँच करने की अनुशंसा की खबर है.
ग्राम लोहारीडीह घटना स्थल पर उनकी उपस्थिति की जांच सहित उनके मोबाइल पर लोहारीडीह गांव के किसी व्यक्ति व किस नंबर से फोन आया, इसकी जांच कराने सहित इसके पूरा होते तक उन्हें निलंबित किया जाए यह अनुशंसा रपट में शामिल बताया जाता है.
उल्लेखनीय है कि लोहारीडीह में एक सप्ताह के भीतर 3 लोगों की अलग-अलग कारण से जान चली गई. 14 सितंबर की दरमियानी रात शिव प्रसाद साहू की लाश मध्यप्रदेश के बिरसा थाने के क्षेत्र में पेड़ से लटकती मिली थी.
शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने हत्या के शक पर रघुनाथ साहू के घर को आग लगा दी, जिससे रघुनाथ साहू की जलने से मौत हो गई. वहीं इस मामले में पुलिस ने 33 महिला समेत 69 ग्रामीणों को हत्या के शक में गिरफ्तार किया है.
19 सितंबर को हत्या के आरोप में बंद प्रशांत साहू की जेल में मौत हो गई. मृतक के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशांत साहू की मौत पुलिस पिटाई के चलते जेल में हुई है.
पहले तो राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए कबीरधाम जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को निलंबित कर दिया. माहौल ठँडा़ न होते देखकर कबीरधाम एसपी और कलेक्टर हटा दिए गए. साथ ही साथ रेंगाखार थाने के निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक सहित वहां पदस्थ कुल 23 पुलिसकर्मी भी हटा दिए गए.
इस मामले में नेशन अलर्ट ने आईपीएस पल्लव से बातचीत करने का प्रयास भी किया था. उनके मोबाइल पर घंटी बजती रही लेकिन न तो उन्होंने रिसीव किया और न ही वापस सँपर्क साधा. फिर उन्हें वाट्सऐप पर सँदेश भी दिया गया जोकि उन्होंने पढ़ लिया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.