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रायपुर/बालोद.
चुनाव हारने के बाद लो प्रोफाइल जीवन जी रहे मोहम्मद अकबर एक नए तरह के विवाद में फँस गए हैं. विवाद बेहद गँभीर भी है जिस पर पुलिस ने पूर्व वन मँत्री अकबर सहित चार आरोपियों पर प्रकरण दर्ज किया है.
मामला छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से जुडा़ हुआ है. बालोद जिले में प्रधानपाठक के पद पर पदस्थ रहे देवेंद्र ठाकुर ने आत्महत्या कर ली थी. इस पर पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना कर रही थी.
क्या था प्रकरण, किन्हें बनाया आरोपी . . ?
डौंडी थाना क्षेत्र के ग्राम घोठिया का यह मामला है. प्रधान पाठक देवेंद्र ठाकुर (57) की पदस्थापना डौंडी विकासखंड के ओडगांव प्राथमिक शाला में थी.
अभी हाल ही में 7 सितंबर की सुबह उनके घर में उनकी लाश फांसी के फंदे पर झूलती मिली थी. घर वालों ने पुलिस को सूचना दी थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सुसाइड नोट भी जब्त किया था. इसी पत्र में मोहम्मद अकबर का भी नाम पुलिस उल्लेखित बता रही है.
जिस समय यह हादसा हुआ था उस समय देवेंद्र ठाकुर की पत्नी अपनी ड्यूटी पर गई हुई थी. तबियत खराब होने का बहाना कर देवेंद्र ठाकुर घर पर ही रुके थे.
देवेंद्र के बच्चे जब अपनी शाला से आए तब उन्होंने अपने पिता को फांसी पर झूलते देखा था. घटना से घबराए बच्चों ने पड़ोसियों को इसकी सूचना दी थी.
पड़ोसियों के माध्यम से सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुँची थी. पुलिस ने ही शव को फांसी के फंदे से उतार पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया था.
पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था. इस नोट में देवेंद्र ठाकुर ने अपनी मौत के लिए चार लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके नाम लिखे थे.
पुलिस के अनुसार सुसाइड नोट में लिखा था कि वन विभाग में नौकरी लगाने के नाम से प्रधान पाठक ने अपने रिश्तेदारों से रकम लेकर ठग को दिए थे. रिश्तेदारों को नौकरी नहीं मिली तो वे प्रधान पाठक से रकम वापस माँगने लगे थे. इसके लिए वह दबाव बना रहे थे.
पुलिस बताती है कि इस बात से परेशान होकर ही प्रधान पाठक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. सुसाइड नोट में हरेंद्र नेताम, प्रदीप ठाकुर, मदार खान और पूर्व वनमँत्री मोहम्मद अकबर के नाम का भी उल्लेख था.
डौंडी पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी के मामले में हरेंद्र नेताम, प्रदीप ठाकुर और मदार खान उर्फ सलीम के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 108, 420 के तहत मामला दर्ज किया है. मामले में जांच जारी बताई गई है.
इसी सुसाइड केस में पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. अपना पक्ष बताने के लिए नेशन अलर्ट ने मोहम्मद अकबर से सँपर्क करने का प्रयास भी किया.
पूर्व वन मँत्री अकबर पूरे मामले में अपने आपको निर्दोष बताते हुए प्रकरण को फर्जी बताते हैं. अकबर प्रकरण में दोषी बताए गए सभी आरोपियों से अपनी जान पहचान से भी इनकार करते हैं.