जो भाजपा का आलोचक था आज दीनदयाल के गुण गा रहा

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रायपुर।

कभी भाजपा के आलोचक रहे व्यक्ति को यदि आप आज दीनदयाल उपाध्याय के गुण गाते देखेंगे तो आपको कैसा लगेगा? दरअसल, यहां बात विनोद बिहारी गोस्वामी की हो रही है जो कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं और कथावाचक हो गए हैं। इन दिनों वे भाजपा के पितृपुरुष कहे जाने वाले दीनदयाल उपाध्याय पर कथा वाचन कर रहे हैं।

बीजेपी द्वारा गठित की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष समारोह समिति ने एकात्म मानववाद, राष्ट्रवाद, दीनदयाल की जीवन यात्रा को लेकर तीन दिवसीय कथा का आयोजन किया है। कथा का मकसद है- पं.दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को लोगों के बीच पहुंचाना। लेकिन कथा सुनने आए बीजेपी संगठन के कई चेहरे इस बात को लेकर मायूस दिखे कि कथा कहने वाला वहीं शख्स हैं, जो कभी दीनदयाल उपाध्याय की बनाई पार्टी की कड़ी आलोचना करता रहा है।

दो मर्तबा कांग्रेस छोड़ चुके
साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के पहले तक विनोद गोस्वामी कांग्रेस के जिलाक्ष्यक्ष रह चुके हैं। मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह को टिकट दिए जाने के दूसरे दिन ही उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। वजह बताई गई कि टिकट वितरण से नाराज होकर इस्तीफा दिया है। गोस्वामी ने तब कहा था कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल अडिय़ल नेता हैं औऱ कांग्रेस डूबती हुई पार्टी है। राजनांदगांव में हुई बीजेपी की सभा में विनोद गोस्वामी ने सदस्यता भी ग्रहण कर ली। फिलहाल विनोद गोस्वामी बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य हैं।
विनोद गोस्वामी के करीबियों के मुताबिक 1983 में वे डोंगरगांव जनपद पंचायत के अध्यक्ष बने थे। 1989 में जब दिवंगत उदय मुदलियार युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष थे, तब गोस्वामी ग्रामीण अध्यक्ष हुआ करते थे।
अर्जुन सिंह जब कांग्रेस से अलग होकर तिवारी कांग्रेस में गए, तो विनोद गोस्वामी भी उनके साथ चले गए। बाद में अर्जुन सिंह के कांग्रेस लौटने के बाद साथ ही कांग्रेस प्रवेश कर लिया। इस्तीफा देने के दो साल पहले उन्हें राजनांदगांव के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। विनोद गोस्वामी भागवत कथा भी कर रहे हैं। उनके पिता ख्यात भागवत कथाकार हैं।

कथावाचक के रुप में तैयार कर रही भाजपा
इधर बीजेपी संगठन के सूत्र बताते हैं कि पं.दीनदयाल उपाध्याय की कथा के बहाने विनोद गोस्वामी को एक कथाकार के रूप में स्थापित करने की कवायद संगठन स्तर पर की जा रही है। गोस्वामी प्रदेश के कोने-कोने में पं.दीनदयाल उपाध्याय की कथा करेंगे। देश के दूसरे हिस्सों में भी उन्हें कथा के लिए भेजा जा सकता है। संगठन चाहता है कि पं. उपाध्याय की कथा का श्रेय छत्तीसगढ़ को मिले, लिहाजा आयोजन समिति के सदस्य कथा को सफल करने में जुटे हैं।

इधर पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष समारोह समिति के सदस्य सच्चिदानंद उपासने का कहना है कि व्यक्ति बदलता है और जब उसे सत्यता की परख होती है, ज्ञान होता है, आचरण व्यवहार में बदलाव आता है। इतिहास में ऐसे उदाहरण रहे हैं। विनोद गोस्वामी बीजेपी के सानिध्य में आए। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन चरित्र को पढ़ा, तो उन्हें लगा कि देश की सर्वश्रेष्ठ विचारधारा एकात्म मानववाद है। विचारों में परिवर्तन हो सकता है। विनोद गोस्वामी के विचार भी बदल गए। उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय को अंगीकार किया है। खुद ही उनके प्रचार-प्रसार में लग गए हैं। ये उदाहरण स्वरूप है।

BJPChhattisgarh NewsNation Alert NewsPt. Dindayal Upadhyay
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