राजनांदगांव। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने भाजपा के सदस्यता अभियान को मुद्दों से भटकाने वाली उनकी राजनीतिक विचारधारा से उपजा अभियान करार दिया है। उन्होंने कहा किए देश में सैकड़ों मुद्दे हैं जिनपर तत्काल दीर्घ कार्ययोजना की आवश्यकता है। ऐसे गंभीर समय पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपनी असफलता छिपाने आडंबर रच रही है। भाजपा के जनप्रतिनिधि और नेता सत्ता में रहकर जो छल देश-प्रदेश की जनता के साथ कर रहे हैं वह अक्षम्य है।
जारी बयान में कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि लगातार लग रहे उलूल-जुलूल टैक्स से व्यापारी परेशान हैं। केंद्र की गलत नीतियों के कारण निजीकरण को बढ़ावा मिल रहा है। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। एक के बाद एक देश की चीजें बिकती जा रही हैं, लेकिन भाजपा के लोग सदस्यता अभियान चला कर आम जनता को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री छाबड़ा ने आगे कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा सरकार आई है, तब से कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। बलात्कार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। महिलाओं के प्रति अपराध के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है और जिम्मेदार इस बारे में कुछ नहीं कर रहे हैा। भयावह स्थिति है कि महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इन सब विषयों को भूल कर भाजपा अपने सदस्य बनाने का स्वांग कर रही है। छाबड़ा ने कहा कि भाजपा ने पिछली दफे भी करोड़ों लोगों के सदस्यता की बात की थी, लेकिन गुजरात मे ही वह बात फर्जी निकली।
रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य के मसलों पर भी उन्होंने कहा कि इन विषयों पर भाजपा के पास कोई उपलब्धि नहीं है। वे इन मूलभूत विषयों में फेल हो चुके हैं। जनता महंगाई से त्रस्त है। नौकरी न मिलने से नौजवानों में आक्रोश पनपने लगा है। छग में भाजपा सरकार ने शिक्षकों की भर्ती की बात कही थी, लेकिन सात महीने गुजरे व्यापमं और लोक सेवा आयोग से कोई भर्तियां नहीं निकली है। शिक्षक अलग परेशान हैं। एकल शिक्षकीय शालाओं, स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा कर पाने में सरकार असफल है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी गाहे-बेगाहे बड़े-बड़े वायदों का डिजिटल छलावा लेकर सामने आ जाते हैं, लेकिन खुद उनकी केंद्र सरकार ने मोदी की गारंटी में शामिल एससीआर प्रोजेक्ट को होल्ड कर दिया। वे अपनी सबसे महत्वकांक्षी योजना में ही पिछड़ गए।
अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा कि, माताओं-बहनों को तीजा के नाम पर बुलाकर मुख्यमंत्री निवास का गेट बंद कर दिया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों की अराजकता से जनता में त्राही-त्राही है। ऐसे मुश्किल हालातों से जूझ रहे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सदस्यता अभियान को ढाल बनाया जा रहा है।
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