पटना।
राज्य में आईएएस अधिकारियों की कमी की वजह से बिहार ने केंद्र सरकार से अपने आईएएस अफसर वापस मांगे हैं। फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात वर्ष 1989-2001 बैच के आईएएस अफसरों की सेवा वापस करने का अनुरोध किया गया है। अगर केंद्र सरकार राजी हो गई तो बिहार को कम से कम 15 आईएएस अधिकारी तत्काल मिल जाएंगे।
बिहार में आईएएस अधिकारियों की कैडर क्षमता 342 है, लेकिन 214 अधिकारी ही उपलब्ध हैं। इनमें से भी 42 अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हैं। इस वजह से एक-एक आईएएस अधिकारी को तीन-तीन या चार-चार विभागों की जिम्मेदारी सौंप कर काम चलाया जा रहा है।
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को इस बाबत पत्र लिखा है। बिहार में देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में आईएएस अधिकारियों की सबसे अधिक कमी है। दूसरी ओर बिहार में आईपीएस अधिकारियों के 231 स्वीकृत पदों में से 43 पद खाली हैं।
इन्हें वापस मांगा गया
सुनील बर्थवाल, राजित पुनहानी, अरुणिश चावला, हुकुम सिंह मीणा, परमार रवि मनुभाई, मिहिर कुमार सिंह, संदीप पौंड्रिक, उदय सिंह कुमावत, संजीव हंस, एएन सफीना, एन. श्रवण कुमार, श्रीधर चेरुवेलु, बी राजेंद्र, संतोष कुमार मल्ल।
ये हैं आंकड़े
देश में आधिकारिक तौर पर 6,396 प्रशासनिक अधिकारी चाहिए, जबकि 4,926 अफसर ही उपलब्ध हैं। इसी तरह आईपीएस अधिकारियों के स्वीकृत पदों की संख्या 4,802 है, जबकि 3,894 आईपीएस अधिकारी ही उपलब्ध हैं।
एक साथ कई-कई विभाग संभाल रहे प्रधान सचिव
- आमिर सुबहानी – गृह, अल्पसंख्यक कल्याण, मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन
- अतुल प्रसाद – समाज कल्याण, खान भूतत्व, खनिज विकास निगम
- आर.के.महाजन – स्वास्थ्य, शिक्षा
- विवेक कुमार सिंह – पर्यावरण वन, राजस्व भूमि सुधार, चकबंदी, विभागीय जांच आयुक्त
- सुजाता चतुर्वेदी – वाणिज्य कर, परिवहन, परिवहन निगम
- अमृत लाल मीणा – भवन निर्माण, सहकारिता, पथ निर्माण, पथ विकास निगम, भवन निर्माण निगम
- चैतन्य प्रसाद – नगर विकास, कला संस्कृति, फिल्म विकास निगम
- एस.सिद्धार्थ – उद्योग, बिहार फाउंडेशन, गन्ना उद्योग, बियाडा, आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, औद्योगिक विकास निगम