राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ प्रदेश में आए दिन महिलाओं के साथ अत्याचार व गैंगरेप की घटनाएं बढ़ रही है और प्रदेश की भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से लचर हो चुकी है। 9 माह में ही भाजपा सरकार के राज में छत्तीसगढ़ में महिलाएं असुरक्षित हो गयी है। रोजाना प्रदेश में कहीं न कहीं सामूहिक बलात्कार की घटनाएं घट रही है। माताएं-बहनें, बेटियां अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आज हमारी माताएं-बहनें, बेटियां अपने आपको असुरक्षित व असहाय महसूस कर रही है। प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के आदेशानुसार शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा व जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू द्वारा प्रेसवार्ता लेकर जानकारी दी।
अध्यक्ष श्री छाबड़ा ने प्रेसवार्ता में बताया कि प्रदेश में रोजाना कहीं न कहीं सामूहिक बलात्कार की घटनाएं घट रही है। माताएं-बहनें, बेटियां अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्यजनक क्या हो सकता है कि राजधानी में महिलायें सुरक्षित नहीं है। रायपुर नया बस स्टैंड में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म होता है, दूसरे दिन रिपोर्ट लिखा गया उसमें भी सामूहिक दुष्कर्म को नकार दिया गया। बलात्कार का रिपोर्ट लिखा गया, यहां भी पुलिस अपराधियों को सजा देने के बजाय उन्हें बचाने में लगी है। महिलायें खुले में बाहर निकलने में भयभीत हो रही है। बस्तर, जशपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर से लेकर राजधानी में भी महिलायें खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। बेहद दुर्भाग्यजनक है कि सरकार जिसे इन मामलों को गंभीरता से लेकर कार्यवाही करवाना चाहिये, वह बलात्कार जैसी घटनाओं को भी छुपाने और अपराधियों को बचाने का काम कर रही है। अभी तक 08 माह में प्रदेश में महिलाओं के प्रति 3094 अपराध हुये है तथा 600 से अधिक बलात्कार की घटना हुई है। भिलाई के डीपीएस स्कूल में 04 साल की मासूम बच्ची के साथ दुराचार की घटना हो गयी। बिना एफआईआर के एसपी ने घटना को नकार दिया, जबकि पॉस्को एक्ट में प्रावधान है कि ऐसी कोई घटना होने पर पहले एफआईआर होना चाहिये, उसके बाद जांच होनी चाहिये। भिलाई के बच्ची के साथ दुराचार के मामले में दो-दो डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बच्ची के निजी अंगों में चोट है कुछ गलत हुआ है, उसके बाद एसपी मामले को नकारते है।
कांग्रेस अध्यक्ष श्री छाबड़ा ने प्रदेश की भाजपा सरकार से पूछना चाहती है कि पुलिस ने एफआईआर कब किया? मेडिकल बोर्ड का गठन कब हुआ? बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण कब कराया गया? घटना सरकार के संज्ञान में था। सरकार ने क्या कार्यवाही किया? पास्को एक्ट में एफआईआर बिना किये क्लीनचीट दिये जाने के कारण एसपी पर कार्यवाही क्यों नहीं किया गया? रायगढ़ के पुसौर में एक आदिवासी महिला के साथ 14 लोगों ने दुराचार किया, पुलिस रिपोर्ट लिखने में बहानेबाजी कर रही थी, मीडिया में दबाव के बाद रिपोर्ट लिखा गया। जशपुर के एक नाबालिक बच्ची के साथ सामूहिक दुराचार हो गया। कोण्डागांव में एक महिला के साथ सामूहिक दुराचार हो गया, 20 दिन तक रिपोर्ट नहीं लिखी गयी। बेहद दुर्भाग्यजनक है कि बंगाल की घटना पर प्रतिक्रिया देने वाले भाजपाई छत्तीसगढ़ में 04 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी पर मौन है। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देशानुसार कांग्रेस पार्टी ने निर्णय लिया है कि हम अपनी बहन-बेटियों की रक्षा की लड़ाई लड़ेंगे, आंदोलन करेंगे। सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिये मजबूर करेंगे। जिसको लेकर मंगलवार 03 सितंबर को महावीर चौक पर जिला स्तरीय काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से पीसीसी महासचिव शाहिद खान, थानेश्वर पाटिला, श्रीकिशन खंडेलवाल, पदम कोठारी, मेहुल मारू, श्रीमती शारदा तिवारी, मोहम्मद यहया, अमित चंद्रवंशी, हनी ग्रेवाल, महेन्द्र यादव, मोहिनी सिन्हा, प्रज्ञा गुप्ता, पूर्णिमा नागदेवे, सुनीता सिन्हा उपस्थित रही।