एसआई भर्ती काँड़ : क्या पीएससी से ही लीक हुआ था पेपर ?

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जयपुर.

पुलिस उप निरीक्षक (एसआई) की भर्ती परीक्षा होती है . . . परिणाम जारी भी होता है लेकिन पेपर लीक काँड़ के हल्ले में सब किए कराए पर पानी फिर जाता है. सफल अभ्यर्थियों की सूची पर क्रमशः पाँचवीं और चालीसवें नँबर के अभ्यर्थियों पर सवाल जवाब होते हैं. इसकी पुष्टि तब होती है जब मामले की जाँच कर रहा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) पाँच ट्रेनी एसआई को राजस्थान पुलिस अकादमी से गिरफ्तार कर लेता है. राजस्थान लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य रामूराम राईका की बेटी और बेटे को हिरासत में लिए जाने से अब नया सवाल खडा़ हो गया है कि क्या पीएससी से ही पेपर लीक हुआ था ?

राजस्थान में पुलिस उप निरीक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी करते हुए राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा आयोजित करती है. यह 2021 का मामला है.

तब राईका थे सदस्य . . .

आरपीएससी की एसआई भर्ती परीक्षा का यह प्रकरण तब का है जब राज्य में काँग्रेस की सरकार हुआ करती थी. उस समय रामूराम राईका आरपीएससी के सदस्य हुआ करते थे.

शनिवार को हुई गिरफ्तारी में राईका के ही बेटी-बेटे भी शामिल हैं. दोनों प्रशिक्षु उप निरीक्षक के रूप में राज्य की
पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे. इनके अतिरिक्त तीन और ट्रेनी एसआई को एसओजी ने हिरासत में लिया है.

परिणाम जारी होने के बाद अब तक एसओजी कुलजमा 37 ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार कर चुकी है. लगता है शनिवार की उसकी कार्रवाई ने लेकिन मामले को नया मोड़ दे दिया है.

आरपीएससी के पूर्व सदस्य राईका के बच्चों को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, हिरासत में लिए 5 ट्रेनी एसआई में 3 युवक और 2 युवतियां शामिल हैं. जिनमें बडे़ नाम के रूप में राईका के बेटे और बेटी आते हैं.

बताते हैं कि आरपीएससी के पूर्व सदस्य राईका के बेटे और बेटी पर आरोप लगाया जा रहा है कि कथित तौर पर दोनों ने परीक्षा से पूर्व सॉल्वड पेपर पढ़ लिए थे. उल्लेखनीय है कि रामूराम राईका जुलाई 2018 से जुलाई 2022 तक आरपीएससी सदस्य थे.

एसआई भर्ती के परिणाम में इनकी बेटी (शोभा) को 5 वीं और बेटे (देवेश) को 40 वीं रैंक मिली थी. राईका के दोनों बच्चों का एसआई में चयन होने पर उन दिनों भी सवाल उठे थे लेकिन बाद में मामला शांत पड़ गया था.

इनकी दिक्कत तब शुरू हुई जब प्रदेश में सरकार बदल गई. प्रदेश की सत्ता प्राप्त करते ही भाजपा ने पेपर लीक मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. पेपर लीक मामलों की जांच के लिए गठित एसआईटी के प्रभारी और एसओजी के एडीजी वीके सिंह को जिम्मेदारी दी गई.

आईपीएस वीके सिंह के बारे में माना जाता है कि वह गलत मामलों में किसी भी तरह के दबाव में नहीं आते हैं. एडीजी सिंह बताते हैं कि फिलहाल पेपर लीक मामले में अनुसंधान जारी है.

रामूराम राईका के बेटे देवेश (नागौर), बेटी शोभा (नागौर) के साथ अविनाश (जयपुर), बिजेंद्र कुमार (झुंझुनूं) और मंजू देवी (गंगानगर) भी शनिवार को एसओजी ने हिरासत में लिया है.

अब तक क्या हुई प्रगति . . ?

पेपर लीक काँड़ की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने अब तक इनके अलावा 26 अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. इनमें पेपर लीक माफिया भी शामिल है.

एसओजी की जांच में अभी कई और ट्रेनी एसआई राडार पर हैं. दस्तावेज मिलने के बाद उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.

एडीजी सिंह ने साफ कहा कि सॉल्वड पेपर पढ़कर थानेदार बनने वाले हर चयनित अभ्यर्थी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल आगे की जाँच जारी है.

. . . तो फाँसी पर चढा़ देना !

बहरहाल, राईका के बेटा-बेटी को हिरासत में लिए जाने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. इन खबरों के बाद जब आरपीएससी के पूर्व सदस्य राईका का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई राजनैतिक द्वैषतापूर्वक की जा रही है.

उन्होंने कहा कि उनके बेटे-बेटी का चयन बिना किसी फर्जीवाड़े के हुआ है. एसआई भर्ती में चयन होने से पहले दोनों ने आरएएस भर्ती और यूपीएससी की परीक्षा भी दी थी लेकिन चयन नहीं हो सका.

राईका के कहे मुताबिक देवेश और शोभा लंबे समय से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. वे बताते हैं कि दोनों का एसआई में चयन नियमानुसार हुआ है. बेटे-बेटी को हिरासत में लिए जाने से भावुक राईका ने यह भी कहा कि अगर गलत हो तो फांसी चढ़ा देना.

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