एनएमडीसी किरंदुल को 1620 करोड़ की नोटिस देकर फिर चर्चा में आए दँतेवाडा़ कलेक्टर

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नेशन अलर्ट/9770656789

दँतेवाडा़.

राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) की किरंदुल यूनिट को 1620 करोड़ की नोटिस जारी कर दँतेवाडा़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरी हैं. आईएएस चतुर्वेदी वही अफसर हैं जिन्हें अपनी गाडी़ के नीचे कुचलने के प्रयास में हाल ही में विशेष अदालत ने चार आरोपियों को दस-दस वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.

मयंक चतुर्वेदी छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस है. उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले मयंक ने इंजीनियरिंग के बाद जॉब करते हुए यूपीएससी क्रैक करने की कोशिश की थी.

सफलता नहीं मिलने पर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. सँघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी में ध्यान लगाते हुए वह आईएएस चुन लिए गए.

आईएएस मयंक चतुर्वेदी दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर बनने के पहले राजधानी रायपुर के नगर निगम आयुक्त रहे थे. रायपुर के पहले वह धमतरी जिला पंचायत सीईओ रहे थे.

28 अगस्त 2017 को आईएएस की सर्विस प्रारंभ करने वाले मयंक चतुर्वेदी ने लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी मसूरी से प्रशिक्षण खत्म करने के बाद पहली पदस्थापना रायगढ़ जिले में प्राप्त की थी. सहायक जिलाधीश रायगढ़ के पद पर रहने के दौरान ही उन्हें कुचलने की कोशिश भी हुई थी.

बिना किसी भी तरह के डर के उन्होंने मामले में पुलिस में अपराध दर्ज करवाया था. जिसका फैसला हाल ही में उनके ही पक्ष में आया था. रायगढ़ के बाद मयंक को एसडीएम पेंड्रारोड़ बनाकर गौरेला– पेंड्रा– मरवाही जिले में पदस्थ कर दिया गया था. पेंड्रा में ही उन्होंने अपर कलेक्टर का दायित्व भी निभाया था.

पहला जिला, पहली बडी़ कार्रवाई . . .

कलेक्टर के रूप में दंतेवाड़ा मयंक का पहला जिला है. पहली बार कलेक्टर बनते ही आईएएस मयंक ने एनएमडीसी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर दी है.

उन्होंने एनएमडीसी किरंदुल को नोटिस जारी कर स्वीकृत खनिज पट्टों में अनियमितताओं पर 1620 करोड़ रुपए का पेनाल्टी लगाई है. पहले तो उन्होंने खनिज निरीक्षक के प्रतिवेदन के बाद एनएमडीसी प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी की थी.

नोटिस पर एनएमडीसी ने जवाब प्रस्तुत किया था. जवाब संतोषजनक नहीं पाते हुए उन्होंने सीधे 1620 करोड़ रूपए की नोटिस जारी कर औद्योगिक जगत में एक तरह से भूचाल ला दिया है.

क्या है मामला . . .

कलेक्टर की ओर से एनएमडीसी के अधिशासी निदेशक (ईडी) को जारी पत्र में ग्राम किरंदुल, तहसील बड़े बचेली, जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा में स्वीकृत लौह अयस्क के खनिपट्टा का जिक्र करते हुए इस संबंध में जारी नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं होने की बात कही गई है.

मामला डिपाजिट नंबर 14 एमएल रकबा 322.368 हेक्टेयर, डिपाजिट नंबर 14 एनएमजेड रकबा 506.742 हेक्टेयर, डिपाजिट नंबर 11 रकबा 874.924 हेक्टेयर क्षेत्र में स्वीकृत लौह अयस्क के खनिपट्टा का उल्लेख किया गया है.

कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने छत्तीसगढ़ खनिज (उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण) नियम, 2009 के विभिन्न नियमों के उल्लंघन का जिक्र किया है. खनिज के बाजार मूल्य एवं रायल्टी सहित कुल 16,20,49,52,482 रुपए आरोपित किए गए हैं. इस राशि को 15 दिन के भीतर जमा करना कहा गया है.

कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भंडारण नियमों का उल्लंघन हुआ है. उस संबंध में प्रावधानों के अनुसार पेनल्टी लगाई गई है.

रायगढ़ में कुचलने का हुआ था प्रयास . . .

ज्ञात हो कि आईएएस मयंक तेवर वाले अफसर माने जाते हैं. जब वह रायगढ़ जिले में पदस्थ रहे थे तब उन्होंने अवैध उत्खनन को रोकने की हर सँभव कोशिश की थी. इसी तरह की कोशिश के दौरान उन्हें साथी अधिकारियों के साथ कुचलने की कोशिश की गई थी.

रायगढ़ जिले के सहायक कलेक्टर रहे आईएएस मयंक चतुर्वेदी को 12 अप्रैल 2019 की रात को सूचना मिली थी कि सारंगढ़ के करीब टिमरलगा क्रेशर क्षेत्र में अवैध उत्खनन और परिवहन हो रहा है. सूचना के बाद आईएएस मयंक उप संचालक खनिज शिवशंकर नाग और तीन खनिज निरीक्षकों राकेश वर्मा, घनश्याम दिवान और नीलांबर यादव के साथ मौके पर पहुंचे थे.

मयंक और साथी अधिकारियों को देखकर खनिज माफियाओं ने उनपर गाडी़ चढा़ने का असफल प्रयास किया था. आईएएस मयंक की हिम्मत देखिए कि उन्होंने इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

घटना के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. मामले में आरोपी कन्हैया पटेल, हरिचरण पटेल, लोकनाथ पटेल और लालसाय निषाद को गिरफ्तार कर लिया था. मामला कोर्ट में चल रहा था.

रायगढ़ जिले के विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार जैन की अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद चारों आरोपियों को दोषी पाया गया. उन्हें 10-10 वर्ष के कठोर कारावास तथा दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई. अदालत ने घटना में प्रयुक्त जेसीबी, कार और बाइक को जब्त करने का आदेश भी दिया था.

बहरहाल, रायगढ़ के बाद दँतेवाडा़ कलेक्टर के रूप में आईएएस मयंक चतुर्वेदी एक बार फिर से चर्चा में हैं. एनएमडीसी को नोटिस जारी करने का साहस कर उन्होंने राजधानी रायपुर से लेकर नईदिल्ली तक की अफसरशाही के बीच सुर्खियाँ बटोरी हैं.

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