नई दिल्ली/रायपुर।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के स्थान पर क्या रामदयाल उइके प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं। यह सवाल इसलिए किया जा रहा है क्यूंकि उइके दिल्ली दरबार में आदिवासी नेताओं के साथ सक्रिय हैं। इनमें गंगा पोटाई से लेकर कवासी लखमा, दीपक बैज जैसे कई नाम बताए जाते हैं।
बताया तो यहां तक जाता है कि इन नेताओं ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात भी की है। कांग्रेस आलाकमान आदिवासी इलाकों में घटते जनाधार से चिंतित है, लिहाजा जनाधार को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की जा रही है।
दिल्ली में 15 जी आर रोड पर हुई बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, ताराचंद भगोरा, किशोर चंद देव, कांतिलाल भूरिया, हरिभाऊ राठौड़़, बाला बच्चन, उर्मिला देवी सिंह जैसे बड़े आदिवासी नेता भी शामिल हुए। इस बैठक में मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश समेत कुछ पूर्वोत्तर राज्यों के नेता शामिल हैं।
बघेल से संतुष्ट नहीं आदिवासी नेता
छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता दिल्ली गए, तो कांग्रेस के भीतर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। भूपेश विरोधियों ने ये कहते हुए माहौल गर्मा दिया है कि संगठन के आदिवासी चेहरे प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल की शिकायत करने पहुंचे हैं। आदिवासी नेता बघेल से संतुष्ट नहीं है।
एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने ये भी कहा हैं कि रामदयाल उइके खुद प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं, लिहाजा इस सिलसिले में भी उनकी राहुल गांधी से चर्चा संभावित हैं। हालांकि उइके और गंगा पोटाई कांग्रेस की हाईपावर कमेटी कहे जाने वाली समन्वय समिति के सदस्य भी हैं।
पाला बदलने में माहिर
उइके पाला बदलने में माहिर बताए जाते हैं। मरवाही विधानसभा क्षेत्र से वे पहले भाजपा से चुने गए थे। मुख्यमंत्री रहने के दिनों में अजीत जोगी ने उनसे इस्तीफा दिलवाया और उप चुनाव लड़कर विधायक बने थे। तब से वह जोगी खेमे के एक प्रमुख माने जाते रहे।
लेकिन जब जोगी ने कांग्रेस से किनारा किया तो उइके ने जोगी से किनारा कर लिया। अब वह कोरबा जिले से विधायक होने के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की सोच रहे हैं। इसी कड़ी में वह भूपेश बघेल के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे हैं।