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रायपुर.
नर्सिंग होम एक्ट में पंजीयन के बिना प्रदेश में जगह-जगह परीक्षण की “दुकानें” चल रही हैं. इन पर राज्य सरकार ने अब आँखें तरेरी हैं. आज ही बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड के 12 चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य विभाग ने जाँच कर नोटिस थमाई है.
ज्ञात हो कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार और मरीजों की सुविधा के लिए बिना किसी वैध अनुमति से संचालित निजी अस्पताल तथा डायग्नोस्टिक सेंटरों पर कार्रवाई के निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने दिए हैं.
बलौदाबाजार के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी (सीएमएचओ) के मार्गदर्शन में टीम ने दबिश देकर निरीक्षण किया. नोटिस देकर विधिवत अनुमति लेने की अंतिम चेतावनी दी गई.
सीएमएचओ अवस्थी ने बताया कि जिले में इस प्रकार के बिना अनुमति के खोले गए संस्थानों के निरीक्षण हेतु टीम का गठन किया गया है. आज परीक्षण के दौरान इन संस्थानों द्वारा बिना नर्सिंग होम एक्ट में पंजीयन संचालन करना पाया गया है.
इसके लिए स्थान पर ही उन्हें नोटिस दिया गया. उल्लेख है कि बिना अनुमति संस्था का संचालन करने पर प्रथम बार संचालक पर राज्य उपचर्या गृह तथा रोगोपचार सँबंधी स्थापनाएँ अनुज्ञापन नियम 2010 के अध्याय एक के नियम 4 के अनुसार 20 हज़ार के जुर्माने का प्रावधान है.
जबकि दूसरी बार ऐसा करते पाए जाने पर दोष सिद्ध होने पर 03 वर्ष का कारावास अथवा 50 हज़ार जुर्माना अथवा दोनों के भागी होंगे.
जिनकी जांच की गई उसमें वर्मा पैथोलॉजी कटगी, गायत्री क्लीनिक कटगी, गुप्ता क्लीनिक कटगी, क्योर बेई क्लीनिक कसडोल, रामगोपाल साहू लैब कसडोल, शर्मा मेटा पैथोलॉजी कसडोल, सिटी डेंटल केयर कसडोल, कबीर पैथोलोजी कसडोल, वासु पैथोलॉजी छांछी, ओम हेल्थ सेंटर छांछी, श्री रत्ना क्लीनिक कसडोल, मानस पैथोलॉजी कसडोल शामिल है.