रायपुर।
राज्य सरकार के चहेते शराब ठेकेदार बल्देव सिंह उर्फ पप्पू भाटिया के लिए बुधवार की सुबह ठीक नहीं रही। बुधवार सुबह आयकर विभाग ने भाटिया के राजधानी से लेकर संस्कारधानी (राजनांदगांव) स्थित ठिकानों पर अचानक ही छापा मार दिया।
इससे रायपुर-राजनांदगांव में हड़कंप मच गया है। छापे पर कुछ मंत्रियों सहित राज्य के ताकतवर माने जाने वाले उन अधिकारियों व एक-दो पत्रकारों की नजर लगी हुई है जो कि पप्पू भाटिया के बिजनेस पार्टनर बताए जाते हैं। दरअसल, इनके खिलाफ कुछ दस्तावेज छापे के दौरान मिले हैं जिसपर आयकर विभाग के अफसर अभी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।
राज्य के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार बल्देव सिंह भाटिया के ठिकानों पर पड़े छापे बड़ी खबर इसलिए है क्यूंकि उनके संबंध छत्तीसगढ़ के बड़े मंत्रियों सहित व्यापारियों और अफसर से बताए जाते हैं। वे अलग ही खेमे में रहते हुए भी सरकार के पाले में रहे हैं। उनकी उपलब्धियों के पीछे भी सरकार और सरकारी अमले का बड़ा योगदान बताया जाता है।
दूसरी ओर छापे के बाद जो जानकारी अब तक सामने आई है वो एक बड़े खुलासे की तरह है। कहा जा रहा है कि छापे में विभाग को बड़े नामों से जुड़े दस्तावेज बल्देव सिंह भाटिया के ठिकानों से मिले हैं। इन दस्तावेजों में क्या कुछ है ये तो बाद में ही पता चलेगा लेकिन जितना कुछ सामने है वह सरकार, सरकारी अमले और दूसरे व्यापारियों से जुड़े एक सिंडिकेट की तरह नजर आ रहा है।
चहेतों पर नजर
जिस दिन सरकार के मुखिया का राजनांदगांव जिले में प्रवास था उसी दिन बल्देव सिंह भाटिया के कैलाश नगर स्थित निवास पर छापा मारा गया। हालांकि भाटिया पिछले कई वर्षों से रायपुर में निवासरत हैं लेकिन यहां उनके पिता-माता रहते रहे हैं।
छापा उस विभाग ने डाला है जो केंद्र सरकार के अधीन है। मतलब साफ है कि सरकार मामले में कुछ भी नहीं कर पाएगी। दरअसल, मोदी की नजर छत्तीसगढ़ के उन ठेकेदारों और अफसरों पर टिकी हुई है जो कि राज्य सरकार के चहेते माने जाते हैं। आज की कार्रवाई उसी कड़ी से जोड़कर देखी जा रही है।