राजनांदगांव। फास्ट ट्रैक कोर्ट, जिला न्यायालय राजनांदगांव के माननीय अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार साहू द्वारा हत्या के एक मामले में सुनवाई उपरांत आज दिनांक-24 अगस्त, 2024 को फैसला सुनाते हुए आरोप साबित पाये जाने पर अभियुक्तगण शिवकुमार बंधे पिता भागवत बंधे, उम्र 47 साल, हितेश कुमार उर्फ भुरवा पिता शिवकुमार बंधे, उम्र 22 साल एवं श्रीमती दुर्गा बाई बंधे पति शिवकुमार बंधे, उम्र-45 साल सभी निवासी ग्राम घोरतलाव, थाना-बागनदी, जिला-राजनांदगांव (छग) को भारतीय दंड विधान की धारा 302/34 के तहत् आजीवन कारावास तथा 1000-1000 रूपये का अर्थदंड, अर्थदंड की राशि अदा न किये जाने की स्थिति में 1-1 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दंडित किये जाने का दण्डादेश पारित किया गया।
मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर पैरवी करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक, फास्ट ट्रेक कोर्ट, राजनांदगांव आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि, दिनांक 18.03.2022 को सुबह 9 बजे प्रार्थी शिमंज खरे पिता स्व. नारायण खरे, उम्र-25 साल, निवासी घोरतलाव गांव के चौक में खड़ा था, उसी समय गांव का शिवकुमार बंधे आया और पुरानी रंजिश को लेकर उसके साथ गाली-गुप्तार करने लगा, जिसे गाली देने से मना करने पर शिवकुमार बंधे, शिमंज खरे के साथ मारपीट पर उतारू हो गया, जिसे गांव के जागेश्वर द्वारा छुड़ाया गया। रात्रि लगभग 10.30 बजे शिमंज खरे, सूरज टंडन के साथ गांव में घुमते हुये ताराचंद के घर के आगे रोड में पहुंचा था कि, उसी समय अभियुक्तगण शिवकुमार बंधे एवं उसकी पत्नि दुर्गा बाई व उसका बड़ा लड़का हितेश कुमार बंधे उर्फ भुरवा आया और सुबह के झगड़े की बात को लकर शिमंज खरे को मां-बहन की अश्लील गाली-गुप्तार कर जान से मारने की धमकी देते हुये शिवकुमार बंधे, सिमंज खरे को लकड़ी के डंडे से मारा, शिवकुमार की पत्नि दुर्गा एवं बड़ा बेटा हितेश हाथ-मुक्का से मारपीट किये तब सिमंज खरे अपने आप को बचाकर भागकर अपने घर आकर अपनी मां जमुना बाई व छोटे भाई प्रकाश खरे को बताया। मारपीट करने से सिमंज खरे को सिर में चोंट आया, जिसे उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया। थाना बागनदी द्वारा रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण जांच में लिया गया था। आरोपीगण के द्वारा मारपीट किये जाने से उपचार के दौरान दिनांक 22.03.2022 को सिमंज खरे की मेडिकल कॉलेज, राजनांदगांव में मृत्यु हो गई। दौरान जांच के आरोपीगण शिवकुमार बंधे, हितेश कुमार उर्फ भुरवा एवं दुर्गा बाई बंधे को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण जांच उपरान्त भारतीय दंड विधान की धारा 294, 323, 506, 34, 302 के तहत् अभियोग पत्र विचारण हेतु न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।