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खुली पाती : मृत्युंजय
माननीय केंद्रीय गृहमंत्री जी,
प्रभु श्रीराम की ननिहाल छत्तीसगढ़ की पावन माटी में आपका ह्दय से स्वागत . . . वंदन . . . अभिनंदन है.
गृहमंत्री जी, केंद्र सरकार की मँशा अनुरुप छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार के राज में नक्सलियों पर नकेल कसने का काम बडी़ तेजी से सफलता की ओर बढ़ रहा है. इसका ताजा उदाहरण राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त के दिन देखने को मिला जब नक्सल प्रभावित विभिन्न गाँवों में राष्ट्रीय ध्वज शान से लहराया.
मन इससे प्रफुल्लित हो पाता इससे पहले उसी मन को कभी बुरी तरह से माओवाद की पीडा़ को झेल चुके राजनांदगाँव जिला मुख्यालय से एक बुरी और राष्ट्रीय भावना को तार-तार करती खबर ने खट्टा कर दिया.
यह वही राजनांदगाँव है जहाँ पर वतन की सेवा में जुटे पुलिस अधीक्षक वीके चौबे अपने 28 जवानों के साथ शहीद हो गए थे. दिन था रविवार . . . और तारीख थी 12 जुलाई 2009.
मानपुर (अब पृथक जिला) क्षेत्र के मदनवाड़ा और कोरकोट्टी के बीच नक्सलियों के एंबुस को तोड़ने के प्रयास में हँसते खेलते हुए एसपी और जवानों ने अपनी शहादत दी थी.
यह वही राजनांदगाँव है जहाँ के छुरिया थाना पर नक्सलियों ने दिनदहाडे़ हमला कर दिया था. तब हम लोग अविभाजित मध्यप्रदेश के निवासी हुआ करते थे.
उस समय भी तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डीसी सागर (वर्तमान में मप्र के एडीजी हैं) की नानुकूर के बावजूद तत्कालीन कलेक्टर एलएस बघेल ने पैदल खेत के कीचड़ भरे रास्ते से होकर छुरिया पहुँचने का साहस दिखाया था.
उसी राजनांदगाँव जिले के जिला मुख्यालय में ही इस बार विभिन्न शासकीय दफ़्तरों में राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जा सका. ऐसा क्यूं हुआ ? किसकी लापरवाही है ?
इस पर सोचने विचारने की जरूरत भले ही हो लेकिन मामला टीम के कमजोर कप्तान (कलेक्टर) से जुडा़ हुआ लगता है. न तो फिर कैसे और क्यूं जिला मुख्यालय के ही विभिन्न बैंकों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया नहीं जा सका.
इंडियन ओवरसीज बैंक हो या फिर रामाधीन मार्ग स्थित पँजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बडौदा (रामाधीन मार्ग,जीईरोड, ब्राह्मण पारा शाखाएँ), जय स्तँभ चौक स्थित इंडियन अथवा आईडीबीआई बैंक ही क्यूं न हो . . . यहाँ पर ध्वज नहीं फहराए गए.
स्टेट बैंक आफ इंडिया की कलेक्टोरेट ब्रांच का मामला हो या फिर पँजाब एंड सिंध बैंक, इसाफ स्माल फायनेंस बैंक, इंडसइंड बैंक का ही क्यूं न हो . . . इन स्थानों पर भी राष्ट्रीय पर्व की घनघोर उपेक्षा हुई.
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एचडीएफसी बैंक अथवा जीजी चौक बसंतपुर कृषि उपज मँडी़ परिसर स्थित उप डाकघर हो अथवा कृषि उपज मँडी़ कार्यालय का भी नाम उन सँस्थानों में आता है जहाँ पर 15 अगस्त की किसी भी तरह की उमँग नहीं देखी गई क्यूं कि ध्वज नहीं फहराए गए थे.
जब देश के माननीय प्रधानमंत्री जी हर घर तिरंगा, घर घर तिरंगा अभियान में जुटे हुए हैं तब उक्त शासकीय कार्यालयों ने आखिर क्यूं ध्वज नहीं फहराया ?
माननीय केंद्रीय गृहमंत्री महोदय, आपसे सादर अनुरोध है कि इस विषय पर राजनांदगाँव के कलेक्टर महोदय से पूछिएगा जरूर कि क्यूं उक्त कार्यालयों में ध्वज नहीं लहराया जबकि नक्सल प्रभावित जिले के दूर दूर के गाँवों में तिरंगा फहराया गया लेकिन जिला मुख्यालय में नहीं !
क्या जिला मुख्यालय राजनांदगाँव नक्सलियों की धमकी से डर गया ? यह सवाल तब तक जिंदा है जब तक उक्त कार्यालयों के सक्षम अधिकारियों और माननीय कलेक्टर महोदय से इस बारे में स्पष्टीकरण नहीं ले लिया जाता है.