भोपाल।
शिवपुरी जिला पंचायत की सीईओ नेहा मारव्या व कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव के बीच इन दिनों एक गाड़ी और उससे जुड़ी नोटशीट चर्चा का विषय बनी हुई है। गाड़ी मालिक भुगतान के लिए तरस रहा है और इधर कलेक्टर-सीईओ के बीच फांस बन कर नोटशीट खड़ी है। मामला अब कलेक्टर के पाले से निकलकर सीईओ के पाले में पहुंच गया है।
पिछले दिनों मारव्या ने कलेक्टर शिवपुरी द्वारा उपयोग की जा रही सफारी कार का भुगतान रोक दिया था। उनकी इस कार्रवाई ने अखबारों में काफी सुर्खियां बंटोरी। हालात यह बने कि सफारी मालिक जनसुनवाई तक में अपनी फरियाद लेकर पहुंचा परंतु भुगतान नहीं हुआ। अब इसी मामले में नेहा मारव्या खुद उलझ गईं हैं।
क्या है मामला
बता दें कि पूर्व जिला पंचायत सीईओ जेड यू शेख के कार्यकाल में 24,700 रूपए पर गाड़ी भाड़े पर लगाई गई थी जिसका अभी तक भुगतान किया जाता रहा है, लेकिन वर्तमान सीईओ द्वारा कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव द्वारा उपयोग की जा रही सफारी गाड़ी का भुगतान रोक दिया। इसका मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि अनुबंधित वाहन पर जिस चालक को रखा गया था उसे कलेक्ट्रेट रेट पर भुगतान के साथ-साथ तत्कालीन अधिकारी ने भोजन व्यवस्था भी शहर के एक छात्रावास में करा दी थी। जो तत्समय से ही जारी थी, लेकिन सीईओ मारव्या ने इस पर आपत्ति की और पूरा मामला उलझ गया। उन्होंने एक नोटशीट लिखी कि निर्धारित रेट 18000 रुपए प्रतिमाह है। अत: 24700 रुपए प्रतिमाह की दर से भुगतान नहीं किया जा सकेगा।
सेविंग अकाउंट का चेक लगा दिया
उम्मीद की जा रही थी कि कुछ समय बाद सबकुछ सामान्य हो जाएगा और वाहन का भुगतान कर दिया जाएगा परंतु 4 माह तक नेहा मारव्या ने पेमेंट नहीं किया। अंतत: कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने इस नोटशीट का जवाब दिया। उन्होने लिखा कि वाहन का भुगतान निर्धारित 18000 रुपए की दर से किया जाए। इसके अतिरिक्त जो शेष राशि है, वो मैं अपने व्यक्तिगत खाते से कर रहा हूं। उन्होंने अपने सेविंग अकाउंट का चैक भी संलग्न कर दिया। इसके साथ ही कलेक्टर ने एक गुगली भी डाली। उन्होंने लिखा कि ‘चूंकि डेढ़ माह तक आप प्रभारी कलेक्टर थीं, इस वाहन का उपयोग आपने भी किया है, अत: डेढ़ माह की राशि का भुगतान आप अपने सेविंग अकाउंट से करें।’
तनाव में हैं मारव्या
अब कलेक्टर को नियम कायदों में उलझाने वालीं महिला आईएएस नेहा मारव्या तनाव में हैं। जैसे ही बात उनकी आई, उन्होंने यूटर्न ले लिया। अब वो कोशिश कर रहीं हैं कि मामला खत्म हो जाए। कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव की नाराजगी दूर करने के लिए मध्यस्थों को जरिया बनाया जा रहा है। देखते हैं, यह नोटशीट अब क्या नया रंग दिखाती है।