नांदगाँव सहित पाँच जिलों में हुई गड़बड़ी, एक करोड़ की हानि!

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नेशन अलर्ट/9770656789

रायपुर.

उप/जिला पँजीयकों के द्वारा अपनी शासकीय जिम्मेदारी के निर्वहन में बरती गई लापरवाही का खामियाजा सरकार की तिजोरी को भुगतना पडा़ है. सीधे एक करोड़ की चोट पहुँची है. अब लापरवाह उप व जिला पँजीयकों से जवाब माँगने उन्हें नोटिस थमाई गई है.

दरअसल, बीते दिनों प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने निगरानी के लिए एक सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया था. अब इसी सतर्कता प्रकोष्ठ ने राजनांदगाँव सहित प्रदेश के पाँच जिलों की कमजोरी पकड़ ली है.

प्रकोष्ठ को नांदगाँव के अतिरिक्त राजधानी रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा और चौधरी के गृहजिले रायगढ़ में अचल संपित्तयों की खरीदी-बिक्री की देखरेख में गड़बड़ी मिली. विभागीय अमले द्वारा यह बराबर नहीं पाई गई.

जब इन जिलों में गड़बड़ी की खबर सुनाई दी तो यहाँ रेंडम इंक्वायरी की गई. नांदगाँव व अन्य जिलों के पंजीयन कार्यालयों में दस्तावेज खंगाले गए. जो सच उभर कर सामने आया वह लाखों की क्षति से जुडा़ हुआ था.

कुलजमा 18 प्रकरण ऐसे पाए गए जहाँ नियम अनुसार राजस्व की प्राप्ति नहीं हो पाई. राज्य सरकार की तिजोरी को इस तरह के प्रकरणों में 01.02 करोड़ की क्षति उठानी पडी़.

अब इसे सरकार ने बेहद गँभीरता से लिया है. राज्य के वित्त मंत्री की सलाह और निर्देश पर संबंधित जिलों के उप पँजीयक और जिला पँजीयक को कारण बताओ नोटिस थमाई गई है.

कैसे हुआ नुकसान ?

राज्य सरकार के वित्त मंत्री चौधरी का मानना है कि जमीन-मकान समेत तमाम प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री से पहले मूल्य का सही मूल्यांकन नहीं किया गया. ऐसा क्यूं कर और कैसे हुआ यही जानने नोटिस थमाई गई है. साथ ही साथ इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

कम बाजार मूल्य का निर्धारण करने पर जवाब माँगा गया है. इसके अलावा मुख्य मार्ग से लगी हुई एक ही खसरे की भूमि को दो दस्तावेजों के माध्यम से मुख्य मार्ग और अन्य मार्ग की दर अनुसार पँजीयन कराया जाना पाया गया है. गाइड लाइन के उपबंधों के अनुसार मूल्याकंन नहीं किया गया है.

स्टांप शुल्क की छूट का प्रमाण पत्र जिस व्यक्ति के नाम से था उसके नाम से दस्तावेज का पँजीयन न कर अन्य व्यक्ति के नाम से दस्तावेज का पँजीयन किया गया है. औद्योगिक संपत्ति का 25 प्रतिशत अधिक मूल्यांकन नहीं किया गया है.

इसके अलावा स्टांप शुल्क छूट का प्रमाण पत्र बैंक के लोन पर प्रभार्य मुद्रांक शुल्क से छूट का था, परंतु उस प्रमाण का लाभ भूमि क्रय करने के लिए लिया गया है. स्टांप शुल्क छूट निजी भूमि के क्रय पर दिया गया है, लेकिन औद्योगिक इकाई द्वारा स्टांप शुल्क छूट का लाभ भवन, शेड, मशीनरी के लिए लिया गया है. जोकि गलत बताया जाता है.

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