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रायपुर. प्रदेश के बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ विकास के लिए अतिरिक्त बजट की दरकार है. इसी जरुरत को पूरा करने अब टायगर रिजर्व के गठन का सहारा लेने निर्णय लिया गया है.
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई थी. इसी बैठक में ऐसा निर्णय हुआ है.
शासकीय खबरों के मुताबिक गुरू घासीदास – तमोर पिंगला टायगर रिजर्व गठित करने पर सहमति बनी है. मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अनुशंसा पर गौर किया गया है.
इसके अतिरिक्त भारत सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की सहमति भी ऐसे निर्णय के पीछे रही है. आज इस पर निर्णायक बैठक भी हो गई.
अब मनेंद्रगढ़ – चिरमिरी – भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिलों में स्थित गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान सहित तमोर पिंगला अभ्यारण्य के क्षेत्र को शामिल किया जाएगा. दोनों के सम्मिलित होने से 2829.387 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में टायगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा.
गुरू घासीदास – तमोर पिंगला टायगर रिजर्व को अधिसूचित करने के साथ ही इसके गठन की आगे की कार्यवाही के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को अधिकृत किया गया है. सरकार को भरोसा है कि टायगर रिजर्व के गठन से राज्य में ईको – पर्यटन का विकास होगा.
इसके साथ ही कोर एवं बफर क्षेत्र में स्थित ग्रामीणों के लिए गाईड, पर्यटक वाहन, रिसार्ट संचालन के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के रोजगार सृजित होंगे. दरअसल, टायगर रिजर्व में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टायगर ऑथोरिटी से अतिरिक्त बजट प्राप्त होगा. इससे क्षेत्र के गांवों में आजीविका विकास के नए – नए कार्य किए जा सकेंगे.