राजनांदगांव। दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीटों पर कई व्यक्तियों ने दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी पाने में सफल हो रहे है, जिसको लेकर बीते दिनों छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने दस्तावेजी साक्ष्य के साथ दुर्ग संभाग के कमिश्नर और संयुक्त संचालक के समक्ष विकास लाटा की लिखित शिकायत की थी कि विकास लाटा, जो कि वर्तमान में भरकापारा, प्राथमिक स्कूल, विकासखंड व जिला-राजनांदगांव में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ है, उन्होंने फर्जी दिव्यांग बनकर दिव्यांगों के लिये आरक्षित पद पर सरकारी नौकरी पाने में सफल हो चुका है।
श्री पॉल की शिकायत पर दुर्ग कमिश्नर और संयुक्त संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारी को जांच कर कार्यवाही करने निर्देशित किया था। जिला शिक्षा अधिकारी ने तीन बार विकास लाटा को पत्र लिखकर जांच में उपस्थित होने निर्देशित किया, लेकिन विकास लाटा जांच में उपस्थित नहीं हुए, जिसके पश्चात् जिला शिक्षा अधिकारी, राजनांदगांव ने विकास लाटा को शुक्रवार को निलंबित कर दिया। निलबंन आदेशानुसार विकास लाटा को युक्तियुक्त अवसर दिया गया, लेकिन उन्होंने कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया, इसलिए उन्हें निलंबित किया जाता है, निलंबन के समय उनका मुख्यालय विकासखंड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय राजनांदगांव रहेगा।
श्री पॉल का कहना है कि विकास लाटा यदि वास्तविक्ता में दिव्यांग होते तो स्वयं उपस्थित होकर जांच में सहयोग करते, लेकिन वे दिव्यांग नहीं है, सिर्फ जैसे-तैसे दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बना लिया और दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीट पर सरकारी नौकरी पाने में सफल हो चुके थे, जिन्हें अब निलंबित किया गया है, जल्द उनकी सेवा समाप्त करने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।
जानकार बताते है कि शिक्षा विभाग में ऐसे और भी सरकारी कर्मचारी है जो दिव्यांग नहीं है, लेकिन दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी पाने में सफल हो चुके है।
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