राजनांदगांव। घुमंतु मवेशियों की धरपकड़ के तहत नगर निगम का मवेशी धर-पकड़ अभियान में नगर निगम की टीम शहर के प्रमुख चौक-चौराहों में घुमंतु एवं बैठे मवेशियों को पकड़ने की कार्यवाही कर रही है। इसी कड़ी में आज शहर के आंतरिक व बाह्य प्रमुख मार्गो व चौक-चौराहों से 28 घुमंतु मवेशियों की धर-पकड़ की गयी। गत दिवस 12 मवेशी पकड़ने की कार्यवाही की गयी थी। उल्लेखनीय है कि कई पशु मालिकों द्वारा अपने मवेशियों को खुला छोड़ देते है, जिससे मवेशी चौक-चौराहों में घुमते एवं बैठे रहते है, जिससे यातायात बाधित होती है एवं दुर्घटना की संभावना बनी रहती है, जो आमजनों के साथ ही पशुओं के लिये भी खतरनाक है। निगम द्वारा अब लापरवाह पशु पालकों के विरूद्ध पशुपालक पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही की जावेगी। शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा भी घुमंतु पशुओं को पकड़ने एवं पशु मालिकों को अपना मवेशी घर में बांधकर रखने समझाईस देने के निर्देश दिये गये है। निर्देश के अनुक्रम में निगम द्वारा प्रतिदिन धर-पकड़ अभियान चलाया जा रहा है।
नगर निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने घुमंतु मवेशियों को पकड़ने टीम गठित किये है, गठित टीम चौक-चौराहों से घुमंतु मवेशियों को पकड़ने की कार्यवाही कर रही है। इसी कड़ी में आज शहर के आंतरिक व बाह्य प्रमुख मार्गो व चौक-चौराहों गुरूद्वारा के पास, सदर बाजार, बसंतपुर, महामाया चौक, कमला कालेज रोड, आरके नगर सहित अन्य क्षेत्रों से घुमंतु मवेशियों की धर-पकड़ के तहत 28 घुमन्तु एवं बैठे मवेशियों को पकड़ा गया। मवेशियों को पकड़कर कांजी हाउस में रखा जाता है एवं उन्हें छोड़ने पर 570-570 रूपये संबंधित से अर्थदंड लेकर मवेशी छोड़ा जाता है। गत दिवस विभिन्न मार्गो से बैठे व घुमंतु 12 मवेशी पकडे गये थे।
आयुक्त श्री गुप्ता ने दुर्घटना से बचने मवेशी मालिक अपने जानवर को निर्धारित स्थल में बांध कर रखने तथा चौक-चौराहों व सड़कों पर घुमने पशुओं को खुला न छोड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि चौक-चौराहों व सड़कों पर खुला घुमते पाये जाने पर पशुओं को नगर निगम के अमला द्वारा पकड़कर कांजी हाऊस में बंद कर नियमानुसार शुल्क व जुर्माना भुगतान करने के उपरांत ही मुक्त कर संबंधित पशु पालकों को सौपा जायेगा। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा अब लापरवाह पशु पालकों के विरूद्ध पशुपालक पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही की जावेगी, जिसके तहत वह प्रथम अपराध की दशा में जुर्माने से 10 रूपये से कम नहीं होगा किन्तु जो 50 रूपये तक का हो सकेगा और द्वितीय या पश्चातवर्ती अपराध की दशा में जो पिछले अपराध किये जाने के 3 वर्ष की अवधि के भीतर किया जाता है, जुर्माने से जो 25 रूपये कम नहीं होगा जो 1 सौ रूपये तक का दण्ड या कारावास जिसकी अवधि 3 माह तक की हो सकेगी अथवा दोनों दण्डों से दंडित किया जायेगा।
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