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जयपुर. आनंदपाल सिंह. . .जिसके नाम के आगे गैंगस्टर जैसा शब्द जुडा़ हुआ था, के कथित एनकाउंटर ने पुलिस की कलई खोल दी है.क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर एक आईपीएस के खिलाफ ही हत्या का केस दर्ज करने का फैसला सुनाया है.जिसके बाद एक अन्य आईपीएस ने सरकार को नियम, कायदे-कानून याद दिलाए हैं.
गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में शह और मात का खेल बीते वर्षों से जारी है. मामला किस हद तक पेचीदा यह समझने आईपीएस पंकज चौधरी के उस पत्र पर गौर करिएगा जो उन्होंने कार्मिक विभाग को लिखा है.
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों ही सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट खारिज कर चुका है. दरअसल,आनंदपाल सिंह की पत्नी की ओर से इसी क्लोजर रिपोर्ट को चैलेंज किया गया था.
एसीजेएम सीबीआई कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए चूरू जिले के तत्कालीन एसपी राहुल बारठ ( आईपीएस ) को हत्या के लिए आरोपी मानते हुए जुर्म दर्ज करने को कहा था.
तत्कालीन वृत्ताधिकारी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी हेड कॉन्स्टेबल कैलाश चंद्र, कॉन्स्टेबल धर्मपाल, कांस्टेबल धर्मवीर सिंह और आरएसी के सोहन सिंह के विरुद्ध मुकदमा चलाने के निर्देश दिए थे.
दी गई पदोन्नति वापस ली जाए . . .
इस मामले में अब राजस्थान के चर्चित आईपीएस पंकज चौधरी का भी पदार्पण हुआ है. चौधरी ने ही नियम, कायदे-कानून की ओर ध्यान आकृष्ट किया है.
पंकज चौधरी ऐसे पहले आईपीएस ने जिन्होंने फेक एनकाउंटर करने वाले अफसरों को दी गई पदोन्नति वापस लेने का आग्रह किया है. इसके लिए एसपी चौधरी ने कार्मिक विभाग को पत्र लिखा है जिस पर नौकरशाहों में चर्चा छिडी़ हुई है.
आईपीएस चौधरी ने 26 जुलाई को कार्मिक विभाग को एक पत्र लिखा था. पत्र के जरिए उन्होंने कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव से आग्रह किया है कि चूरू जिले के तत्कालीन एसपी और वर्तमान में मुंबई में प्रवासियों के रक्षक के रूप में तैनात आईपीएस राहुल बारहट को दिए गए प्रमोशन को तुरंत वापस लिया जाए.
आईपीएस चौधरी अपने पत्र में आगे लिखते हैं कि आईपीएस बाहरट को दिए गए विभिन्न पदक और नकद लाभ को भी जब्त किया जाएं. उन्होंने माननीय न्यायालय के आदेशों का हवाला दिया है.
आईपीएस चौधरी लिखते
हैं कि चूरू के तत्कालीन एसपी राहुल बारहट और अन्य को हत्या जैसे संगीन मामले में आरोपी बनाया गया है. हत्या के आरोपी बनाए गए राहुल बारहट को इतने परिलाभ और विशेष दर्जा दिया जाना गंभीर विषय है.
चौधरी ने सीबीआई कोर्ट के आदेश की प्रति भी पत्र के साथ संलग्न की है.कार्मिक विभाग को लिखे गए पत्र में आईपीएस चौधरी ने निवेदन किया है कि न्याय का सिद्धांत निष्पक्षता पर आधारित होता है. ऐसे में हत्या जैसे संगीन आरोपी बनाए गए आईपीएस राहुल बारहठ को फील्ड पोस्टिंग देना उचित नहीं है.
प्रतिनियुक्ति पर मुंबई भेजे गए हैं बारहट. . .
फिलहाल हत्या के आरोप झेल रहे आईपीएस बारहट प्रदेश के बाहर पदस्थ हैं. उन्हें मुंबई में प्रतिनियुक्ति में भेजा गया है. अब आईपीएस बारहट को तुरंत वापस बुलाने की माँग आईपीएस चौधरी ने की है.
आईपीएस चौधरी के मुताबिक हत्या के आरोपी अधिकारी को 3 वर्ष से अधिक समय तक एक जिले में एसपी रखना और पदोन्नति समेत तमाम विशेष लाभ दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण और न्याय के सिद्धांत की अवहेलना है.
क्या हुआ था जून 2017 को मानेसर में ?
चूरू जिले के मानेसर में 24 जून 2017 को गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया गया था. उन दिनों आईपीएस राहुल बारहट चूरू जिले के एसपी हुआ करते थे.
पहले दिन से ही गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की पत्नी इसे फेक एनकाउंटर बताती रहीं हैं. राजपूत समाज की भारी नाराजगी को देखते हुए मामले की जाँच सीबीआई को सौंपी गई थी.
सीबीआई ने इस एनकाउंटर को सही मानते हुए क्लोजर रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में पेश की थी.इस क्लोजर रिपोर्ट को आनंदपाल सिंह की पत्नी ने चैलेंज किया था. कोर्ट ने आनंदपाल सिंह की पत्नी के वकील की ओर से दिए गए तथ्यों के बाद एनकाउंटर को सही नहीं माना. इसके बाद उसने उक्त फैसला सुनाया है.
(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)