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बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में हो रही भारी बारिश का असर दिखने लगा है. जहाँ आम जनमानस परेशान है तो वहीं साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड ( एसईसील ) के लिए अनवरत बरस रहा पानी आफत बन चुका है. एक ओर एसईसील की खदानें पानी भरने से परेशान है, दूसरी ओर उसके एक अधिकारी की साँसें मौसम की भेंट चढ़ गई है.
संभाग में शामिल कोरबा में बीते कुछ दिनों से मौसम का मिजाज बिगडा़ हुआ है. शनिवार को ही देखिए न. . . कोरबा में तकरीबन तीन घंटे एक जैसी रफ्तार से भरपूर बदरा बरसे. कुसमुंडा में इतना पानी आसमान से गिरा की एसईसील की खदान में कामकाज ठप्प हो गया.
दरअसल, खदान में पानी भर चुका था. जल जमाव के चलते कार्यों पर जैसे रोक लग गई थी. इससे एसईसील को उलटे करोड़ों का नुकसान हो रहा है.
चार बहे थे, एक का शव मिला . . .
कुसमुंडा खदान के एक ब्लाक का नाम गोदावरी है. इसी ब्लाक से नुकसान की सूचना एसईसील के अधिकारियों को मिली थी.
वस्तुस्थिति देखने चार अधिकारी मैदान में उतरे थे. अचानक इतना तेज पानी का बहाव आया कि एसईसील अफसरों को संभलने का मौका ही नहीं मिला.
चारों अधिकारियों को पानी अपने साथ बहा कर ले गया. किसी तरह तीन अधिकारी तो तैरकर बाहर आ पाए लेकिन एक को तैरना नहीं आता था.
अधिकारी के बह कर गुमशुदा हो जाने से अफरातफरी मच गई. तलाश में तेजी लाई गई लेकिन घंटों तक कोई सफलता नहीं मिली.
यह हादसा शनिवार को हुआ था. तब से मशक्कत जारी थी. रविवार सुबह 16 घंटों की दौड़भाग के बाद एचडीआरएफ की टीम ने अधिकारी जितेंद्र नागरकर के शव को बरामद किया.
एसईसील की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं. बहरहाल, कुसमुंडा थाना पुलिस शव को पोष्टमार्टम ( पीएम ) के लिए भेज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)