राजनांदगांव। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के चार वर्ष होने के अवसर पर जिले के सभी विद्यालयों में शिक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर संजय अग्रवाल आज डोंगरगढ़ विकासखंड के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल पारागांवखुर्द में आयोजित शिक्षा सप्ताह के छठें दिन मिशन लाइफ एवं इको क्लब दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अग्रवाल ने स्कूल परिसर में पौधरोपण और स्कूल परिसर का अवलोकन भी किया। उन्होंने भौतिक, जीव विज्ञान, रसायन प्रयोगशाला, स्मॉर्ट क्लास का अवलोकन किया। उन्होंने स्कूल परिसर में साफ-सफाई एवं अन्य व्यवस्था की तारीफ की।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि स्कूल हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जितना समय घर पर रहते है, उतना ही समय हम स्कूल रहते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल हमारा दूसरा घर है। जिस तरह से घर में अच्छा कार्य करते हैं, उसी तरह से स्कूल को भी घर मानकर बच्चे एवं शिक्षकों को हमेशा स्वच्छ और ग्रीन रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल को जितना व्यवस्थित एवं हराभरा कर सकते हो उतना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल में केवल अध्ययन एवं अध्यापन कार्य नहीं होता है, स्कूल से हमें संस्कार मिलता है। स्कूल से बच्चे संस्कार और ज्ञान की बातें सिखते हैं। बच्चे शिक्षकों, दोस्तों एवं अच्छे कार्य करने वाले व्यक्तियों से सिखते हैं। सिखने की कोई आयु नहीं होती है। जो बाते स्कूल में सिखी जाती है, वे पूरे जीवन में काम आती है। उन्होंने कहा कि स्कूल विद्यार्थी और शिक्षक से नहीं बनता है। स्कूल गांव के लोगों से मिलकर बनता है। उन्होंने कहा कि गांव के नागरिकों एवं बच्चों के अभिभावकों का स्कूल से लगाव होना चाहिए। गांव के लोगों का स्कूल में भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जिले में डिजिटल पढ़ाई कराने के लिए जनभागीदारी के सहयोग से सभी स्कूलों में संपर्क डिवाईस दिया गया है। जिससे बच्चों की पढ़ाई का स्तर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जनसहभागिता और शाला विकास समितियों के सहयोग से स्कूल की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के 4 वर्ष पूर्ण होने पर शिक्षा सप्ताह के छठा दिन मिशन लाइफ एवं इको क्लब दिवस है। यह बहुत अच्छा विषय है। उन्होंने बच्चों से कहा कि स्कूल से पासआउट होने के बाद भी इस विषय का जीवन में वास्ता रहेगा। ग्रीन और इको हमारे साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर बहुत सुंदर जगह पर है। इसका महत्व समझने कहा। उन्होंने कहा कि बिना ऑक्सीजन और बिना पानी के दुनिया की कल्पना करना कठिन है। उन्होंने जल संरक्षण की बात कही। उन्होंने कहा कि भू-जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। उसे बचाने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने सभी बच्चों से कहा कि घर में अपने अभिभावकों को रबी में धान की फसल नहीं लेना कहा है। जिले में गर्मी के मौसम में 42 हजार ट्यूबवेल के उपयोग के कारण इस वर्ष 60 फीट पानी नीचे चला गया है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी तक पानी नहीं मिल पाएगा। इसके लिए पेड़ों को नहीं काटने देना है और पौधरोपण अधिक से अधिक करना है।
कलेक्टर ने बच्चों से कहा कि संघर्ष करके पढ़ाई करने से जीवन में आने वाली चुनौतियों से आसानी से सामना कर सकते हैं। मन में कभी भी निराशा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास अच्छा वातावरण है, उसे और अच्छा करने की कौशिश करें। उन्होंने कहा कि हम बचपन से ही समाज से कुछ न कुछ ले रहे है। उन्होंने कहा कि जिस भी आयु में हमें समाज को देने की क्षमता है, उसे दान करना चाहिए। अभी बच्चे वृक्षारोपण कर सकते हैं और पानी डालना एवं सेवा कर सकते हैं। ऐसा कार्य करना चाहिए, जिससे लोगों के चेहरे में खुशी झलकनी चाहिए। इससे यह झलकता है कि समाज में हम रचनात्मक तरीके से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में श्रम करने की आदत सिखाई जानी चाहिए। श्रम न केवल स्वावलंबी बनाती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी एक बेहतर दिशा दिखाएगी। इस अवसर पर जनपद सदस्य लक्ष्मीनारायण वर्मा, सरपंच बुद्धसेन ठाकुर, जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल, जिला मिशन समन्वयक सतीश ब्यौहारे, सहायक जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा पीआर झाड़े, सहायक परियोजना समन्वयक मो. रफीक अंसारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र कौर गरचा, प्राचार्य लेखराम साहू, संकुल शैक्षिक समन्वयक गिरधारी लाल वर्मा, समाज सेवी एवं उन्नत कृषक एनेश्वर वर्मा, पूर्व एसएमडीसी अध्यक्ष बिसहत वर्मा सहित शिक्षकगण एवं बच्चे उपस्थित थे।
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