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रायपुर / राजनांदगांव. एक तो हितग्राहियों को मिलने वाले चने की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहें हैं तो दूसरी और कुछ माह से वह देखने भी नहीं मिला है. मतलब उसका वितरण गड़बडा़या हुआ है. यदि ऐसा नहीं है तो मोहला कलेक्टर ने चुप्पी क्यूं साध ली?
दरअसल, यह मामला आम जनमानस के बीच भले ही हो लेकिन इसे गंभीर बनाया विधानसभा में उठे सवाल ने. . . सवाल करने वाला विधायक भी यदि पूर्व मुख्यमंत्री हो तो इसकी गंभीरता समझी जा सकती है.
इस सवाल ने ऐसा असर पैदा किया कि छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री को भी किंतु परंतु करना पडा़. वो तो भला हो विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह का कि वह खाद्य मंत्री उलझे इसके पहले ही एक तरह से उन्हें बचाकर ले गए.
बघेल ने सवाल किया, बघेल ने जवाब दिया
विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (जोकि पाटन से विधायक हैं.) ने सरकार से सवाल किया था कि चना वितरण में गड़बडी़ करने वालों पर क्या कार्रवाई की जाएगी ?
इसका जवाब खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने दिया लेकिन उनकी शारीरिक भाषा दर्शा रही थी कि वह इस सवाल से असहज हैं. पूर्व मुख्यमंत्री के सवाल पर वह घिरते नज़र आए उसके पहले ही विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसा कुछ कहा कि उससे विभागीय मंत्री बघेल की जाने अनजाने में मदद भी हो गई.
बघेल ने कार्रवाई के संबंध में पूछा था तो मंत्री ने जवाब दिया था कि वितरण में विलंब होना स्वीकारते है. इस पर विस अध्यक्ष सिंह को हस्तक्षेप कर यह कहना पडा़ कि जहाँ गड़बडी़ पाई गई है वहाँ कार्रवाई के सवाल पर कह दीजिए कि करेंगे तो तत्काल मंत्री ने इस पर सहमति जताई.
कहाँ से आया मोहला?
चने से जुडे़ सवाल में मोहला का उल्लेख था. पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने सवाल पूछते हुए बताया था कि गरियाबंद सहित मोहला-मानपुर-अंबागढ चौकी जिले में हितग्राहियों को बीते कुछ माह से चना नहीं मिल पाया है.
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा भूपेश बघेल का राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र से दोहरा लगाव है. भले ही वह लोकसभा चुनाव यहाँ से हार गए हों लेकिन उन्हें मोहला-मानपुर-अंबागढ चौकी जिले से मतदाताओं का बहुत प्यार मिला था.संभवत इसी के मद्देनजर चने पर सवाल उन्होंने उठाया रहा हो.
कलेक्टर (जिसे पूर्व पत्रकार स्वर्गीय विजय भट्टाचार्य जिले का राजा कहा करते थे) अपनी पदस्थापना वाले जिले में हो रहे प्रत्येक अच्छे बुरे प्रशासनिक कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. फिलहाल, मोहला-मानपुर-अंबागढ चौकी की महती जिम्मेदारी आईएएस एस जयवर्धन के कँधों पर है.
नेशन अलर्ट ने कलेक्टर जयवर्धन से बात कर प्रशासनिक पक्ष जानना चाहा था. चूँकि उनके मोबाइल 82979* . * . * पर की गई काल रिसीव नहीं हो पाई इस कारण वाट्सऐप कर प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया. जोकि समाचार लिखे जाने के समय तक सफल नहीं हो पाया है.
मोहला के खाद्य अधिकारी आशीष रामटेके जरूर कमीबेशी पर बात करते हैं. रामटेके बताते हैं कि जिन जिन जगहों पर भंडारण हो रहा है वहाँ पर वितरण भी हो रहा है. साथ ही साथ वह यह भी स्वीकारते हैं कि भंडारण के अभाव वाली जगहों पर थोडी़ दिक्कत है.