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राजनांदगांव. संस्कारधानी राजनांदगांव जिले के एक सुपुत्र के लिए पीलिया जानलेवा साबित हुआ. पदुमतरा में जन्में निमेश बरैया की दुखद मौत से पूरा पुलिस महकमा, नाते रिश्तेदार और परिचित शोकाकुल रह गए हैं.
वर्ष 1986 की 27 जुलाई का दिन . . . इसी दिन पदुमतरा गाँव के बरैया परिवार में पुत्र होने पर जश्न मनाया गया. परिजनों ने यह सोचकर रखा था कि इस बार भी बरैया के शीघ्र स्वस्थ होते ही जन्मदिवस मनाया जाएगा लेकिन काल की गति को कौन जानता है !
2013 में बने थे पुलिस अधिकारी . . .
निमेश ने रायपुर से बीटेक किया था. कालेज के दिनों में वह एनआईटी रायपुर की मैकेनिकल ब्रांच सहित पूरी कैंपस के हीरो हुआ करते थे.
वर्ष 2008 में उन्होंने पीएससी क्लीयर करते हुए उप पुलिस अधीक्षक ( डीएसपी ) बनने का सौभाग्य अर्जित किया लेकिन अदालत की कार्रवाई के चलते 2013 में परिणाम आने पर उन्हें बतौर डीएसपी पहली पदस्थापना बस्तर में मिली थी. बस्तर में निमेश लंबे समय तक रहे थे.
भानपुरी डीएसपी, क्राइम डीएसपी जैसे पदों से होते हुए वह कोतवाली बिलासपुर नगर पुलिस अधीक्षक ( सीएसपी ) बने थे. यहीं पर रहते हुए उनकी पदोन्नति अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ( एएसपी ) के पद पर हुई थी. एएसपी के पद पर उन्हें बटालियन में पोस्टिंग मिली.
फिर वह बलरामपुर जिले में स्थानांतरित कर दिए गए. इसी साल मई में उन्होंने अपने छोटे भाई के विवाह में राजनांदगांव जिले के भी मित्रों को आमंत्रित किया था.
बलरामपुर में उनकी तबियत बिगड़ी थी तो पहले वहीं के अस्पताल में उपचार हुआ. सुधार न होता देखकर राजधानी रायपुर स्थित सुयश हास्पिटल में भर्ती कराया गया. लाख जतन के बाद भी उनका पीलिया नियंत्रण में नहीं आया.
पहले वह वेंटिलेटर पर गए और बाद में कोमा में चले गए. ब्रेन में ब्लड जमा होने के चलते कल रात निमेश हम सबको छोड़ निकल गए.
तीन वर्ष पूर्व जब वह बिलासपुर में पदस्थ थे तब उनका विवाह अनुराधा सिंह के साथ हुआ था. अनुराधा भी शासकीय सेवा में हैं.
हालाँकि निमेश पर अपने परिवार के बडे़ सुपुत्र होने के चलते पारिवारिक जिम्मेदारी भी थी. चूंकि पिता का स्वर्गवास हो चुका था इस कारण माँ और छोटे भाई को भी निमेश ही संभाला करते थे. दुर्भाग्यवश पीलिया ने वह साथ भी छीन लिया.