राजनांदगांव। 20 जुलाई, 2024 को हुए अतिवृष्टि भारी वर्षा से मेरे मकान के दोनों कमरे व बरामदे में पानी भर गया। हेमंत साहू व उसकी पत्नी अर्चना साहू साथ मिलकर कमरे से पानी बह फेंक रहे थे, तभी अचानक ऊपर मकान का कवेलू टूटकर पटाव के साथ किचन स्टोर (कमरे) में गिरा गया, जहां वे दोनों कमरे में भरे पानी फंेक रहे थे। दोनों भगवान महाकाल की दया-दृष्टि से बाल-बाल बच गए। भारी वर्षा से उक्त मकान के टूटकर गिरने से खाद्य सामग्री बर्तन व महंगे वस्त्र की छती हुई, जिससे सिर्फ आर्थिक छती हुई, भगवान महाकाल की दया दृष्टि से चिखली निवास हेमंत साहू व उनकी पत्नी की जान बची। हेमंत साहू ने बताया कि उक्त संबंध में दुर्घटना से पूर्व भी अपनी दोनों बहन लता साहू एवं सविता साहू को व साथ ही अपने परिवार के चाचा व बुआ, दीदी को एवं साथ ही कई बार मुहल्ले के बुजुर्ग व संबंधियों को ले जाकर चर्चा कर चुका था कि मकान जर्जर हो चुका है, इस 2 कमरे के जर्जर मकान को बनाना अनिवार्य है, जो लोन के माध्यम से ही संभव है, चूंकि 2 कमरे का 3 भाई बहनों में नहीं बांटा जा सकता, इसके लिए मकान का हकत्याग करना आवश्यक है। हकत्याग के एवज में दोनों बहनों के नाम से 25-25 हजार देने व हकत्याग रजिस्ट्री खर्च स्वयं वहन करने को तैयार था। वर्तमान में एक बहन का निधन हो चुका है, उनके 3 बेटियां है जिनका विवाह हो चुका है, इन तीनों भांजी-दामाद से भी उक्त संबंध में चर्चा कर चुका है, पर पहले एक बहन लता, सविता पर हां-हां कहकर टालती रही, अब भांजी-दामाद अपनी मौसी लता पर टाल रहे है, जिसका आज ये दुष्परिणाम हुआ कि अतिवृष्टि भारी बारिश से मकान क्षतिग्रस्त हो गया और हम दोनों पति-पत्नी भगवान महाकाल के आशीर्वाद से जीवित है।