राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सिकलसेल एनिमिया उन्नमूलन मिशन अंतर्गत जिले में 0 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की स्क्रीनिंग प्रत्येक समूहवार चिन्हाकिंत कर की जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया कि सिकलसेल एक अनुवांशिक रोग है, इसलिए जब तक खून की जांच नहीं करवाई जाए तब तक इस रोग की जानकारी नहीं मिलती है। सिकल सेल रोगी या परिवार को अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में निःशुल्क परामर्श एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से सिकलसेल माह अभियान अंतर्गत सिकलसेल जांच कराने की अपील की है। साथ ही अभिभावकों से शासकीय स्कूल में बच्चों को सिकलसेल की जांच हेतु प्रेरित करने तथा अनिवार्यतः जांच कराने का आग्रह किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया कि सिकलसेल रोग एक आनुवांशिक रक्त रोग है, जो प्रभावित रोगी के पूरे जीवन को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राजनांदगांव शहरी क्षेत्र के शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों में स्वास्थ्य टीम द्वारा सिकलसेल जांच की जा रही हैं। जिसमें रोगी वाहक की पहचान कर उनका परामर्श तथा उपचार की समुचित व्यवस्था की जा सकें। सिकलसेल जांच बहुत ही आसान है, इसमें व्यक्ति को किसी भी प्रकार प्रतिकुल प्रभाव नहीं होता है। सिकलसेल स्क्रीनिंग का उद्देश्य सिकलसेल रोग के सभी रोगियों के बेहत्तर भविष्य के लिए उनकी देखभाल में सुधार करना और रोग की व्यापकता को कम करना है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी विकासखण्ड एवं शहरी क्षेत्र में 11 से 15 जुलाई 2024 तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों एवं निजी विद्यालयों में पंजीकृत विद्यार्थियों तथा 0 से 40 वर्ष आयु के समस्त शिक्षक व शिक्षिकाओं एवं अन्य स्टॉफ का 3575 एवं कुल शहरी क्षेत्र में 4778 सिकलसेल जांच किया गया है, जिसमें 131 संभावित सिकलसेल केस की पुष्टि हुई है। साथ ही शासकीय संस्थाओं, निजी संस्थाओं में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों, परिजनों एवं अन्य निजी विद्यालय व निजी महाविद्यालयों में पंजीकृत विद्यार्थियों का सिकलसेल जांच कराये जाने का आग्रह किया गया है।