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रांची। देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच पुलिस को एक ऐसे चोर गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली है जिसमें प्रतिदिन दो मोबाईल चुराने वाले चोर को 80 हजार रूपए की पगार मिलती थी। पुलिस ने चुराए गए 79 मोबाईल भी बरामद किए हैं।
ऐसा नहीं है कि वेतन से शासकीय, अर्धशासकीय अथवा निजी क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति को ही मिलता हो। झारखंड पुलिस ने एक ऐसे चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है जहां पर नाबालिग को 80 हजार रूपए का वेतन दिया जाता था। शर्त सिर्फ इतनी सी थी कि उसे प्रतिदिन दो मोबाईल चुराकर लाने होते थे।
बांग्लादेश भेजे जाते थे मोबाईल
रातू में लगने वाले सण्डे मार्केट में अमूमन भीड़-भाड़ रहा करती है। इसी भीड़भाड़ के बीच एक नाबालिग मोबाईल चुराते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। पहले तो लोगों ने अपने स्तर पर मामले को लेकर कार्यवाही करने का प्रयास किया लेकिन जब बात नहीं बनी तो पुलिस बुलाकर नाबालिग को उसके सुपुर्द कर दिया गया।
पुलिस भी आई और नाबालिग को लेकर चले गई। लेकिन उसके होश तब उड़ गए जब उसे नाबालिग चोर से पूछताछ करने पर पता चला कि वह एक ऐसे गैंग का सदस्य है जहां उसे प्रतिदिन दो मोबाईल चुराने का टार्गेट पूरा करने पर प्रतिमाह 80 हजार रूपए का वेतन मिलता है। आला अधिकारी इस जानकारी पर हरकत में आए।
नाबालिग चोर से मिली जानकारी पर रातू थाना क्षेत्र अंतर्गत कमड़े सूर्यनगर निवासी बिट्टू चौधरी के घर पुलिस ने छापामार कार्यवाही की। चौधरी के घर से किराये में रहने वाले चार चोर पकड़ में आए जिसमें से एक नाबालिग है। जबकि एक अन्य भागने में सफल रहा। गिरफ्त में आए सभी चोर एक ही परिवार के सदस्य हैं।
इन्हें साहिबगंज जिला अंतर्गत तीन पहाड़ क्षेत्र का निवासी बताया गया है। पकड़ में आए दो चोर नाबालिग है इसलिए उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया है जबकि अन्य जेल दाखिल किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक जितेन्द्र, मिथुन, अर्जुन, लड्डू, पुसवा नोनिया से और पूछताछ की जा रही है। अभी तक पुलिस को उन्होंने बताया है कि वह चुराए गए मोबाईल को बांगलादेश भेजा करते थे।