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रायपुर। सिकल सेल बीमारी को लेकर राज्य सरकार की ओर से स्क्रीनिंग कराई जा रही है। 33 जिलों में फिलहाल लक्ष्य के विरूद्ध 1 करोड़ 11 लाख 6 हजार 561 स्क्रीनिंग हो चुकी है। इनमें से 1 करोड़ 6 लाख 24 हजार 245 स्क्रीनिंग निगेटिव पाई गई।
मतलब साफ है कि इतने लोगों को सिकल सेल की कोई दिक्कत नहीं है। राज्य में 1 करोड़ 77 लाख 69 हजार 535 स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है। राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि ग्वालरे कहती हैं कि लगातार स्क्रीनिंग कराई जा रही है।
रायपुर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉ. अरविंद नेरल कहते हैं कि लोगों को सिकल सेल को लेकर जागरूक होना पड़ेगा। जागरूकता में कमी के कारण यह बीमारी बढ़ रही है। दरअसल लोगों का सारा ध्यान विवाह के दौरान वर-वधु की कुंडली मिलाने पर रहता है लेकिन उन्हें कुंडली सिकल सेल की मिलानी चाहिए। सिकल सेल के मरीज ना हो, ना ही वाहक हो इस पर जोर देने की जिम्मेदारी अब पंडितों को भी उठानी पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में फिलहाल 1.11 करोड़ व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 22 हजार 672 मरीज सिकल सेल के निकले। खतरनाक स्थिति उन 2.9 लाख सिकल सेल वाहकों की है जिनके जीन को धारण करने पर सिकल सेल रोग पनपता है।
बताया जाता है कि यदि समय पर उपचार न हो तो सिकल सेल जानलेवा भी हो सकता है। सिकल सेल को एक अनुवांशिक बीमारी बताने वाले कहते हैं कि इसमें गोलाकार लाल रक्तकण हसिए के रूप में परिवर्तित हो जाता है इस कारण शरीर की सभी कोशिकाओं को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। प्रदेश की 10 प्रतिशत जनसंख्या इस बीमारी के दायरे में आती है।