पंकज शर्मा/रायपुर।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय राजनांदगांव द्वारा वर्ष 2011 में की गई फार्मासिस्ट ग्रेड 2 की नियुक्ति में आरक्षण नियम का पालन नहीं किया गया था। यह उस जांच रपट का लब्बोलुआब है जिसकी एक कॉपी नेशन अलर्ट को मिली है। अब जाकर इसकी विभागीय जांच शुरु हुई है तो परत दर परत खुल रही है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में राजनांदगांव में 21 पदों पर फार्मासिस्ट ग्रेड 2 की नियुक्ति हुई थी। मामला तब विवादों में आया था जब इसकी लिखित शिकायत की गई। शिकायतकर्ता व विभागीय सूत्रों ने जो जानकारी उपलब्ध कराई है उसके मुताबिक यह सारा मामला विभागीय मिलीभगत की साजिश है।
संचालक ने क्या लिखा था पत्र में?
स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक ने 19 जनवरी 2015 को एक विभागीय पत्र संभागीय संयुक्त संचालक को लिखा था। पत्र का मजमून इस ओर इशारा करता है कि निश्चेतना विशेषज्ञ व तब के प्रभारी सीएमएचओ डॉ. राजीव कुमार सक्सेना के कार्यकाल में जो नियुक्ति हुई थी उसमें अनियमितता की शिकायत पर जांच कराई गई है।
जांच अधिकारी तत्कालीन उप संचालक डॉ. एसके बिंझवार थे। डॉ. बिंझवार ने 13 मार्च 2012 को अपना जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें अनियमितता पाई गई थी। बताया जाता है कि नियुक्ति में आरक्षण नियमों का अक्षरश: पालन नहीं किया गया।
किस किस की हुई थी नियुक्ति
फार्मासिस्ट ग्रेड 2 के रिक्त पदों पर जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई थी उनके नाम से आठ जून 2011 को आदेश प्रसारित हुआ था। इस आदेश में निम्र अभ्यर्थियों का नाम शामिल था :
नाम व पदस्थापना स्थल
- ज्योति किरण जिला चिकित्सालय
- डॉली देवांगन प्रा.स्वा. केंद्र भर्रीटोला
- दीप्ती प्रा.स्वा. केंद्र कुसमी
- सुनीता देवी प्रा.स्वा. केंद्र चिल्हाटी
- लता देशलहरा प्रा.स्वा. केंद्र गंडई
- ममता मंडावी प्रा.स्वा. केंद्र खोभा
- यामिनी नेताम प्रा.स्वा. केंद्र मुड़ीपार
- मुकेश कुमार प्रा.स्वा. केंद्र औंधी
- ललित अमरिया प्रा.स्वा. केंद्र कौड़ीकसा
- किशोर ठाकुर प्रा.स्वा. केंद्र बुंदेली
- भूपेन्द्र सिंह प्रा.स्वा. केंद्र गातापार
उक्त आदेश प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी हुआ था जो कि डॉ. सक्सेना हुआ करते थे। इनकी नियुक्ति करने वाली समिति में तब के प्रभारी डीएचओ डॉ. एसके चेलानी अध्यक्ष बतौर शामिल थे। इसी तरह जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, क्षय अधिकारी डॉ. पवन जेठानी, प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. श्रीमती अल्पना लूनिया व ईएंडटी स्पेशलिस्ट डॉ. आरएस ठाकुर सिविल सर्जन के प्रतिनिधि बतौर समिति के सदस्य के रुप में शामिल थे। इन सबके हस्ताक्षर हैं और विभागीय जांच चल रही है।