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रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव श्रीमती प्रियंका वाढेरा अंततः चुनावी राजनीति में कदम रखने जा रही हैं। वह राहुल गांधी द्वारा रिक्त की गई वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनाई गई हैं। प्रियंका का यह चुनाव छत्तीसगढ़ की टीम भूपेश के लिए भी अति महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चुनाव की सारी जिम्मेदारी इन्हें मिल सकती है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने इस बार दो लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। एक तो उनका पुराना लोकसभा क्षेत्र वायनाड था और दूसरा उत्तरप्रदेश का रायबरेली था जहां से श्रीमती सोनिया गांधी अब तक चुनाव लड़ते रही थी।
श्रीमती गांधी अब राजस्थान के रास्ते राज्यसभा सदस्य बनी है। उन्होंने रायबरेली में अपने सुपुत्र राहुल गांधी को चुनाव लड़ाने की यह कहते हुए घोषणा की थी कि ‘‘मैं अपना पुत्र आपको सौंप रही हूं।’’ अंततः राहुल केरल की वायनाड और रायबरेली दोनों सीट से सांसद चुन लिए गए।
नियम, कायदे, कानून दो सीट से लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति तो देते हैं लेकिन दोनों ही सीट से यदि जीत गए तो दोनों से सदस्य बने रहने की अनुमति नहीं रहती। किसी न किसी एक सीट को छोड़ना पड़ता है और उस क्षेत्र में उपचुनाव कराया जाता है। राहुल ने बड़ी सोच समझ के बाद रायबरेली सीट अपने पास रखी और वायनाड से उन्होंने इस्तीफे की घोषणा की।
अब दक्षिण जाएंगी प्रियंका
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल और प्रियंका की मौजूदगी में दोनों के भविष्य को लेकर सोमवार को घोषणा की थी। खड़गे की घोषणा के अनुसार अब प्रियंका वाडेरा उपचुनाव का सामना करने दक्षिण का रूख करेंगी।
प्रियंका के इस लोकसभा उपचुनाव से सक्रिय चुनावी राजनीति में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल होने की शुरूआत हो जाएगी। चूंकि प्रियंका का यह पहला चुनाव होगा इस कारण वह इसमें किसी भी तरह की कोताही जाने अनजाने नहीं बरतने वाली हैं।
मतलब साफ है कि प्रियंका की ओर से उनकी सबसे विश्वसनीय टीम वायनाड की जिम्मेदारी संभालने उतारी जाएगी। प्रियंका की विश्वसनीय टीम में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का क्या और कैसा स्थान है यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। भूपेश इससे पहले रायबरेली की भी जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
अब माना जा रहा है कि भूपेश बघेल को कांग्रेस बतौर पर्यवेक्षक जैसी कोई जिम्मेदारी देते हुए केरल के वायनाड में सक्रिय कर सकती है। यदि भूपेश को वायनाड की जिम्मेदारी मिलती है तो टीम भूपेश ही यह चुनाव लड़ेगी यह तय है। टीम भूपेश में छत्तीसगढ़ के खनिज निगम के पूर्व अध्यक्ष गिरीश देवांगन से लेकर राजनीतिक सलाहकार रहे विनोद वर्मा शामिल बताए जाते हैं।
यही टीम भूपेश पहले भी कुछ एक राज्यों अथवा सीटों का चुनाव संभाल चुकी है। इस बार यदि उसे वायनाड की जिम्मेदारी मिलती है तो उसके चेहरे पर भी आने वाले समय में मुस्कान आ सकती है क्योंकि वायनाड से प्रियंका की जीत कांग्रेसी तय मानकर चल रहे हैं। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस में एक नए पावर सेन्टर का उदय निकट भविष्य में तय है।