नेशन अलर्ट/9770656789
www.nationalert.in
बिलासपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव से हलफनामे में जवाब-तलब किया गया है। यह निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य सचिव, संचालक, सरगुजा कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अंबिकापुर, सिविल सर्जन और नवा नगर के मेडिकल आफिसर को नोटिस भी जारी करने का आदेश पारित किया है। मामला स्वास्थ्य केन्द्र में एक महिला द्वारा बच्चे को फर्श पर जन्म देने से जुड़ा हुआ है जिस पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है।
अंबिकापुर जिला मुख्यालय से सटा हुआ है नवानगर…यहीं की निवासी प्रियावती पैकरा 9 महीने की गर्भवती थी। 8 मार्च को प्रसव पीड़ा होने पर उसे दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र लेकर महिला मितानिन पहुंची थी।
जब वह उप स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची तब न तो कोई वहां चिकित्सक था और न ही कोई नर्स मौजूद थी। मितानिन चिकित्सकों और नर्स को फोन लगा लगा कर थक गई लेकिन दोनों में से कोई नहीं आया। इधर प्रसव पीड़ा बढ़ती जा रही थी।
थक हार कर फर्श पर लेटाकर किसी तरह महिला का प्रसव कराया गया जिसे सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। मामला खबरों में आया तो हाईकोर्ट की निगाह इस पर पड़ी। उसने तत्काल मानवीय संवेदना से जुड़े इस प्रकरण को अपने संज्ञान में लिया।
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले की सुनवाई की है। उसने सरकार से जानना चाहा कि दूर-दराज में रहने वाली जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने जब भारी मात्रा में धन खर्च किया जा रहा है तो ऐसी स्थिति क्यों बन रही है? स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों-नर्स की अनुपस्थिति पर भी उसने नाराजगी जताते हुए स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग रायपुर के सचिव को व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। इस हलफनामें में स्वास्थ्य सचिव को बताना होगा कि घटना के संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं।