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राजनांदगांव. सांसद संतोष पांडे ने एक बार फिर से लोकसभा चुनाव जीत कर भले ही इतिहास रच दिया है लेकिन यह चुनाव उनके लिए किसी सबक से कम नहीं है। यदि लोकसभा क्षेत्र में शामिल राजनांदगांव विधानसभा से उन्हें एक तरफा बढ़त नहीं मिलती तो नतीजा कुछ भी हो सकता था।
उल्लेखनीय है कि सांसद पांडे ने कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल को कड़े मुकाबले में पराजित किया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश किसानों के हितैषी नेता माने जाते हैं। इसके बावजूद वह चुनाव नहीं जीत पाए यह गौरतलब है।
तीन विस क्यूं हारी बीजेपी
संतोष पांडे ने लगातार दूसरी बार संसद का सफर तय किया है लेकिन उन्हें अपने प्रदर्शन पर गौर करना पड़ेगा। संतोष पांडे को 49.25 फीसदी वोट मिले थे। जबकि भूपेश बघेल को 46.18 फीसदी मत मिले। संतोष 7 लाख 12 हजार 57 व भूपेश 6 लाख 67 हजार 646 मत अर्जित कर पाए।
इन सबके बीच नए बने जिले मोहला मानपुर के अलावा खुज्जी विधानसभा और पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले कम मत मिले हैं। यह संतोष पांडे की जनता के बीच पहुंच को दर्शाता है।
लोकसभा चुनाव के दौरान बार-बार यह सवाल उठते रहा था कि संतोष पांडे जनता से उतने मिलते जुलते नहीं है जितना उन्हें मिलना चाहिए। तभी तो वह पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 6 हजार 908 मत अर्जित कर पाए जबकि उनके प्रतिद्वंदी भूपेश बघेल को 1 लाख 10 हजार 314 मत मिले।
यही हाल खुज्जी विधानसभा का रहा। यहां भूपेश बघेल ने एकतरफा 82 हजार 294 मत अर्जित किए। जबकि संतोष पांडे को महज 67 हजार 269 वोट मिल पाए। संतोष की सबसे बुरी स्थिति मोहला मानपुर विधानसभा क्षेत्र में रही।
मोहला मानपुर से भूपेश बघेल को 81 हजार 140 मत मिले जबकि संतोष पांडे महज 41 हजार 800 मतों पर रूक गए। यह अलग बात है कि भूपेश बघेल को मोहला मानपुर को जिला बनाने का लाभ मिला और वहां के विधायक इंद्रशाह मंडावी की सक्रियता उनके काम आई।
पंडरिया विधानसभा से भाजपा की विधायक भावना बोहरा को आने वाले समय में संगठन और संतोष पांडे को जवाब देना होगा। खुज्जी विधानसभा से चूंकि कांग्रेस के भोलाराम साहू विधायक है इस कारण वहां स्थिति समझी जा सकती है।
वह तो भला हो राजनांदगांव विधानसभा का जहां से संतोष पांडे को एकतरफा 57 हजार 666 मतों की लीड मिली। यहां से संतोष पांडे 1 लाख 8 हजार 657 मत प्राप्त कर पाए। जबकि भूपेश बघेल महज 50 हजार 991 मतों पर रूक गए।
इसी तरह डोंगरगांव विधानसभा से भाजपा को 89 हजार 119, कांग्रेस को 72 हजार 81, डोंगरगढ़ विधानसभा से 85 हजार 961, कांग्रेस को 7 हजार 3, खैरागढ़ विधानसभा से भाजपा को 85 हजार 626, कांग्रेस को 79 हजार 757 व कवर्धा विधानसभा से भाजपा को 1 लाख 24 हजार 240 और कांग्रेस को 1 लाख 15 हजार 398 मत प्राप्त हुए।
कवर्धा विधानसभा से भी भाजपा की लीड लोकसभा चुनाव में कम हुई है। इस विषय पर भी संतोष पांडे को गौर करना होगा। यह अलग बात है कि अंत भला सो सब भला लेकिन इसके बावजूद यदि संतोष पांडे और भाजपा संगठन नतीजों पर गौर नहीं करेगा तो स्थानीय निकाय के चुनावों में उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है।