नेशन अलर्ट/9770656789
www.nationalert.in
रायपुर. प्रदेश के जांबाज, धाकड़, ईमानदार आईपीएस अफसर जीपी सिंह के बुरे दिन लगता है कट गए हैं। उन्हें किनारे करने के षड़यंत्र धरे के धरे रह गए। अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिए जाने के बावजूद कैट से केस जीतकर आए एडीजी रैंक के आईपीएस जीपी सिंह को राहत पर राहत मिल रही है लेकिन उनकी रहस्यमयी चुप्पी बनी हुई है। वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) से अपनी बहाली का आदेश प्राप्त करने वाले आईपीएस जीपी सिंह के विषय में एक और अच्छी खबर इस बार छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से आई है। आय से अधिक सम्पत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग जैसे प्रकरणों में फंसे आईपीएस जीपी सिंह पर की गई एफआईआर पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रोक लगाने का आदेश पारित किया है। मामला दुर्ग के उद्योगपति कमल सेन से जुड़ा हुआ है।
कमल ने लगाए थे वसूली के आरोप
मामला वर्ष 2015 का है। उस समय दुर्ग के रहने वाले कमल सेन का व्यावसायिक लेन-देन को लेकर एक विवाद बिल्डर सिंघानिया के साथ हुआ था। इस पर सिंघानिया ने केस कर दिया था। सेन अपने विरूद्ध प्रकरण दर्ज होने के बाद बचाव के रास्ते तलाश रहे थे। प्रकरण का चालान शीघ्र पेश करने और धाराएं कम करने के एवज में आईपीएस जीपी सिंह पर 20 लाख रूपए वसूलने का आरोप लगा था।
उल्लेखनीय बात यह थी कि मामले में भयादोहन कर अवैध वसूली करने का आरोप लगाते हुए आईपीएस जीपी सिंह के विरूद्ध जो शिकायत की गई थी उस पर 6 वर्षों के बाद वर्ष 2021 में सुपेला थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी। सरकार और जीपी के बीच रिश्ते मधुर नहीं रहे थे।
एफआईआर के खिलाफ आईपीएस जीपी सिंह अपने अधिवक्ता हिमांशु पांडे के माध्यम से हाई कोर्ट यह कहते हुए पहुंचे थे कि सुनियोजित तरीके से उन्हें फंसाने के लिए यह केस दर्ज किया गया है। इस पर उन्होंने एफआईआर निरस्त करने की मांग की थी।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच में प्रकरण की सुनवाई पूरी हुई। कोर्ट ने यह माना कि 6 वर्ष के लम्बे समय के बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस में रपट दर्ज कराई थी। इसके अलावा किसी भी लोक सेवक के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने धारा 197 में अनुमति लेनी होती है जो कि इस मामले में नहीं ली गई थी। इस आधार पर बेंच ने एफआईआर पर रोक लगा दी है।
मतलब साफ है कि आईपीएस जीपी सिंह के लिए यह सप्ताह राहत से भरा हुआ है। इन सबके बावजूद आईपीएस सिंह चुप्पी साधे हुए हैं। वह अमूमन लोगों से बातचीत करने में नहीं हिचकते हैं लेकिन इस बार उन्होंने रहस्यमयी चुप्पी क्यूं कर साधी है यह आने वाला वक्त ही बताएगा। उनकी चुप्पी से आईपीएस लॉबी में भी बेचैनी देखी जा रही है।