जनचर्चा : नेशन अलर्ट/9770656789
www.nationalert.in
चुनावी मौसम में यदि शिकवा शिकायत का दौर ना हो…रूठने मनाने का क्रम ना चले तो फिर मौसम किस बात का…लेकिन कई मर्तबा बात इस हद तक आगे बढ़ जाती है कि अपने ही लोग मौसम बनाने बिगाड़ने लगते हैं।
अब देखिए ना एक किसान नेता सुरेन्द्र दाऊ राजनांदगांव में हुआ करते हैं। दाऊ जी बड़े किसान हैं। इतने बड़े कि बड़ी से बड़ी बात बेहद साधारण तरीके से सबके सामने खुलेआम कह देते हैं।
इनके एक वक्तव्य ने बीते दिनों एक पार्टी में इस कदर बवाल मचाया कि भौकाल आ गया। दाऊ जी को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया। नोटिस से दाऊ जी का दिमाग और खराब हो गया। अब उन्होंने हारेगा अहंकार, जीतेगा कार्यकर्ता, जीतेगा राजनांदगांव के नाम से एक होर्डिंग राजनांदगांव के मुख्य मार्ग पर स्थित कलेक्टोरेट भवन किनारे टंगवा दिया है।
इस होर्डिंग में आदरणीय मुखिया जी से कुछ सवाल किए गए हैं। दाऊ जी के होर्डिंग में यह भी लिखा है कि इंतजार है… आप कब देंगे जवाब…!
मुखिया जी से पहला सवाल इस बात को लेकर किया गया है कि आपने राजनांदगांव को 5 वर्षों में कोई नया शासकीय कार्यालय तो नहीं दिया बल्कि कई शासकीय कार्यालय दूसरी जगह ले गए।
मुखिया जी आपने राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज को 5 वर्षों में सुविधाविहीन करके बीमार बना दिया। आपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आमंत्रित जनों का अपमान किया है। आपने आवासहीन लोगों के आवास बनने में अवरोध पैदा किया है। फिर ये कैसे आप गरीबों के हितैषी हो सकते हैं ?
मुखिया जी से अगला सवाल हॉकी स्टेडियम को लेकर किया गया है। होर्डिंग में लिखा गया है कि आपने हॉकी स्टेडियम के लिए 2 करोड़ की घोषणा की थी। दो रूपये भी दिया क्या ? कहीं ये हार का भय तो नहीं ?
कल तक आपके गाड़ी के शीशे नहीं उतरते थे। आज आप कार्यकर्ताओं के घर-घर जाकर उनके साथ सेल्फी ले रहे हैं। जब आपने राजनांदगांव को कुछ दिया ही नहीं तो फिर आपको राजनांदगांव की जनता वोट क्यों दे ?