रायपुर।
छत्तीसगढ़ में इन दिनों आरोप प्रत्यारोप की राजनीति चल रही है. किसी दिन कांग्रेस आरोप लगाती है तो अगले ही दिन भाजपा प्रत्यारोप लगाती है. मामला धीरे-धीरे विधानसभा चुनाव की तैयारी से जुड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने फिर एक बार झीरम कांड का उल्लेख किया है और भाजपा को घेरने की कोशिश की है. इसके जवाब में भाजपा की ओर से स्वयं मुख्यमंत्री सामने आए हैं. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के आरोप को न केवल नकार दिया बल्कि भूपेश बघेल को नसीहत देते हुए कहा कि यदि उनमें हिम्मत हैं, तो एफिडेविट देकर एनआईए को नाम बताए। मुख्यमंत्री का ये अंदाज बेहद आक्रामक रहा।
सीएम डा.रमन सिंह ने दो टूक कहा कि कांग्रेस की एनआईए के सामने एक पर्ची देने तक ही हिम्मत नहीं है। सिर्फ मीडिया में हिम्मत दिखाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस को एनआईए के सामने शपथपत्र देकर शिकायत करनी चाहिए, जांच में एनआईए जिसे लटका दे, वो लटक जाएगा। उन्होंने भूपेश पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ पेपर में नेतागिरी नहीं चलती।
यूपीए सरकार ने शुरु की थी जांच
डा.रमन सिंह ने कहा कि झीरम घाटी नक्सल हमले की एनआईए जांच यूपीए सरकार ने शुरू की थी। बयान देकर मीडिया में प्रचारित करने का कोई बड़ा असर नहीं होगा। वह हिम्मत दिखाएं। भूपेश के बयान से जुड़े एक सवाल पर डा.रमन सिंह ने कहा- आजकल लोग उनकी बातों को कितनी गंभीरता से लेते हैं, ये सबको पता है।
इसके ठीक पहले कांग्रेस भवन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में भूपेश बघेल ने कहा था कि झीरम नक्सल हमले के पहले सरकार की ओर से नक्सलियों को करोड़ों रूपए दिए गए। इस मामले की जानकारी रखने वाले अभय सिंह को फर्जी मामले में फंसाया गया।