रायपुर।
बस्तर के आईजी रहे शिवराम प्रसाद कल्लूरी ने क्या कुछ कहा है अब यह मुख्यमंत्री देखेंगे. दरअसल, मुख्यमंत्री को कल्लूरी के वक्तव्य की जानकारी ही नहीं है. ऐसा उन्होंने रविवार को भुवनेश्वर से रायपुर लौटने के बाद कहा.
बस्तर के आईजी रहे एसआरपी कल्लुरी ने शनिवार को एक आयोजन में भाषण दिया था. अपने भाषण में कल्लूरी ने कहा था कि माओवादियों को बस्तर से 1100 करोड़ रुपये की लेवी मिलती है. कल्लूरी के कहे अनुसार यह लेवी ठेकेदार और अफसर देते आ रहे हैं.
क्यूं हैं अफसर नाराज
कल्लुरी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है. इसे लेकर राज्य के अफसर नाराज बताए जाते हैं. कल्लूरी ने अपने भाषण में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग में हम कमजोर महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि बस्तर में हवाई जहाज से आने वालों के पास बस्तर की हवाई जानकारी होती है. कल्लूरी ने कहा था कि माओवाद एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है, जिससे भारत एक सुपर पावर न बन पाये.
क्यूं हटाए गए थे बस्तर से
कल्लुरी बस्तर के आईजी रहने के दौरान भारी विवादों में घिरे रहे. उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने तलब किया था. इसी दौरान बस्तर से जबरन छुट्टी पर भेज दिए गए. जब वे छुट्टी से लौटे तो उन्हें सरकार ने पुलिस मुख्यालय में पदस्थ कर दिया था. हालत ये है कि पिछले कई दिनों से कल्लूरी बगैर काम के पुलिस मुख्यालय में पदस्थ हैं.
इसी दौरान कल्लूरी बस्तर से हटाए जाने के बीच एक बार फिर बस्तर गए थे. सोशल मीडिया में उन्होंने जो कमेंटस किया था उसके फलस्वरुप उनके साथ सुकमा व बस्तर के एसपी रहे अधिकारियों को हटा दिया गया था.
हालांकि सुकमा के एसपी रहे आईके एलेसेला ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को लेकर कथिततौर पर एक विवादित बयान कल्लूरी के समक्ष दिया था जिस पर कार्रवाई हुई थी. मामले में डीजीपी ने शो-कॉज नोटिस भी कल्लूरी को जारी की थी. अब एक बार फिर कल्लूरी सुर्खियां बटोर रहे हैं और इस बार मुख्यमंत्री मामले को देखेंगे. कहीं ऐसा न हो कि कल्लूरी को एक बार फिर किसी नोटिस का जवाब देना पड़े?