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भोपाल/रायपुर। मध्यप्रदेश की मूल निवासी पत्रकार विजया पाठक इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। वह भोपाल में यह कहती सुनाई दे रहीं हैं कि उनकी जान को खतरा है। अब सवाल इस बात का उठता है कि आखिर उन्हें क्यों और किससे जान का खतरा है?
मूलत: भोपाल निवासी बताई जाने वाली विजया पाठक एक पत्रिका (जगत विजन) का संपादन करती हैं। यह पत्रिका अपने शुरूआती समय से ही राजनीति और प्रशासन से जुड़े कई गंभीर विषयों को उजागर करती रही है।
इस बार उन्होंने जिस विषय को छेड़ा उस विषय से प्रशासनिक तंत्र के अलावा राजनीतिक तंत्र में भी खलबली मची हुई है। इसके बाद से विजया का सुख चैन छिन गया है। विजया पाठक तभी से इस हद तक चर्चा से घिरी हुईं हैं कि उनके इंटरव्यू पर इंटरव्यू लिए जा रहे हैं।
तथ्यों पर आधारित है खबर
विजया पाठक के मुताबिक उन्होंने जिस खबर का प्रकाशन किया था वह तथ्यों पर आधारित है। अपनी स्थिति सुनील नामदेव, नीलेश शर्मा, कांकेर के पत्रकार कमल शुक्ला जैसा कर दिया जाने का हवाला देते हुए आशंका जताई है कि उनके पीछे भी पड़े हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि विजया के पति जगत पाठक भी पत्रकारिता से जुड़े हुए थे। उन्हें मीसाबंदी बताया जाता है। विजया के मुताबिक जब जब उनके साथ थोड़ा भी ऐसा कुछ हुआ तब तब उन्होंने ज्ञापन भी दिया है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात नहीं की है।
पत्रकार विजया कहती हैं कि यदि उनकी खबर में कोई सच्चाई नहीं है तो उनके खिलाफ मानहानि का केस किया जा सकता है। कोर्ट के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं। अपने खिलाफ किसी भी तरह का वारंट नहीं होने की जानकारी देते हुए उन्होंने स्वयं को डराने धमकाने का प्रयास बताया और कहा कि उन्हें लिखने से रोका जा रहा है।