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बिलासपुर। प्रदेश में संस्कारधानी के रूप में प्रसिद्ध राजनांदगांव स्थित रिद्धि-सिद्धि विहार फेस-3 में बनवाए जा रहे मुख्य गार्डन परिसर पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस पर उसने राजनांदगांव निगम सहित ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग राजनांदगांव को जवाब देने के निर्देश जारी किए हैं।
मामले को राजेश देवांगन नामक राजनांदगांव निवासी युवक हाईकोर्ट लेकर पहुंचे थे। उन्होंने अपनी याचिका में हाईकोर्ट को बताया था कि इसके पूर्व वह उचित विभागों सहित नगर पालिक निगम, तहसीलदार व कलेक्टर राजनांदगांव से भी शिकायत कर चुके हैं लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।
याचिकाकर्ता के मुताबिक यह निर्माण सांसद निधि से करवाया जा रहा है। निर्माण कार्य राजनांदगांव के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा किया जा रहा है। मुख्य गार्डन परिसर में नियमों के विरुद्ध निर्माण कार्य हो रहा है।
प्रार्थी देवांगन के मुताबिक ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग राजनांदगांव द्वारा बिना किसी सूचना दिए टेंडर पास कर उसके घर से लगाकर मुख्य गार्डन में अवैध रूप से वृक्षों की कटाई कर भवन निर्माण किया जा रहा है।
याचिका में बताया गया था कि जब किसी ने भी किसी भी स्तर पर उसकी जायज शिकायत को नहीं सुना तो उसने थक हारकर बिलासपुर हाईकोर्ट का रूख किया। देवांगन के अधिवक्ता आशीष गंगवानी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
बिलासपुर हाईकोर्ट में जस्टिस पीपी साहू की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया। शहरी प्रशासन एवं विकास विभाग व कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग को जवाब देने को कहा है।