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भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा मध्यप्रदेश सरकार पर लगाए गए जुर्माने में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के लिए आफत खड़ी कर दी है। बैस के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने इस मामले में चुनाव आयोग को एक पत्र भी लिखा है।
दरअसल, पांच लाख रूपए के जुर्माने से जुड़ा हुआ है। मामले में अब राजनीति और चुनाव आयोग भी एक छोर पर हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने चुनाव आयोग से प्रकरण को लेकर पत्र व्यवहार किया है।
डॉ.सिंह ने अपने इस पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश में ऐसे मुख्य सचिव को सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रदेश सरकार लगातार सेवा वृद्धि दे रही है। इस स्थिति में उन्होने निष्पक्ष रूप से विधानसभा चुनाव संपन्न होने को लेकर संशय जाहिर किया है।
क्या है मामला ?
डॉ. सिंह ने जो पत्र लिखा है उसमें उन्होंने 19 अगस्त को एक अखबार में प्रकाशित खबर की छायाप्रति भी संलग्न की है। खबर इस बात से जुड़ी है कि एनजीटी ने मध्यप्रदेश सरकार के पूरे सिस्टम को ही अक्षम बताया गया है। मुख्य सचिव द्वारा बिना पढ़े शासन का पक्ष रखने पर 05 लाख रूपए की पेनाल्टी लगाई गई हैं। सख्त टिप्पणी की है कि ऐसे राज्य का भगवान ही मालिक है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह लिखते हैं कि ‘निर्वाचन आयोग निष्पक्षता से चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसे मुख्य सचिव को सेवानिवृत्ति के उपरांत प्रदेश सरकार की अनुकंपा पर 6-6 माह के लिए सेवा वृद्धि की गई है। क्या ऐसे मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस के रहते मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव पूर्ण ईमानदारी एवं निष्पक्षता से संपन्न होंगे, यह यक्ष प्रश्न है ? मेरे द्वारा पूर्व में भी श्री बैस की सेवा वृद्धि नहीं किए जाने हेतु आपको पत्र लिखा था। मेरा आपसे अनुरोध है कि मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस को तत्काल पद से हटाकर अन्य किसी अधिकारी को नियमित मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त करने हेतु प्रदेश सरकार को निर्देशित करने का कष्ट करें।’
भोपाल के केरवा और कलियासोड डेम के बफर जोन में हो रहे निर्माण को लेकर पिछले आदेशों की अनदेखी पर एनजीटी ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था। गुरुवार को इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद एनजीटी की बैंच ने राज्य सरकार पर 5 लाख की पेनल्टी लगाई। साथ ही इस बात पर नाराजगी भी जताई कि मुख्य सचिव बिना फाइलों को पढ़े हुए अदालत में सरकार का पक्ष रखने चले आए हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने उसी मामले का हवाला देते हुए भारत के निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। वे लिखते हैं कि इकबाल सिंह बैस की सेवा वृद्धि को खत्म कर नियमित मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त किए जाएं।