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राजनांदगांव/रायपुर। ऑनलाइन सट्टा से जुड़े महादेव एप की जड़ें बड़ी गहराई तक है। पुलिस के लाख प्रयास करने के बावजूद इस एप का अभी भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। ज्यादातर जगहों पर इस एप को प्रमोट करने वाले लोगों में राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ता व प्रेस लाइन के कर्मचारी बताए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फर्जी तरीके से खुलवाए गए बैंक खाते के नाम पर पन्द्रह आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा। कायदे से जब पूछताछ हुई तो महादेव एप से जुड़ी कारगुजारी उभर कर सामने आई।
कुल जमा चौदह लाख रूपए सहित 21 मोबाइल सेट, पांच पासबुक, 12 एटीएम कार्ड, 3 लैपटाप, 2 कम्प्यूटर सिस्टम के अलावा 3 डायरी जब्त की गई है। इन्हीं डायरियों में लाखों, करोड़ों के हिसाब किताब सहित लेने व देने वाले के नाम दर्ज बताए जाते हैं।
कुछेक नाम तो सामान्य हैं लेकिन कुछ ऐसे भी नाम हैं जो कि राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं के हैं। इन्हीं में एक नाम राजनांदगांव जिले से जुड़ा बताया जाता है। जबकि कुछ नाम प्रेस लाइन से जुड़े लोगों के बताए जाते हैं। हालांकि इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है।
नांदगांव में उदासीन है पुलिस
महादेव एप पर सबसे पहले कार्यवाही की शुरूआत दुर्ग से हुई थी। पिछले साल यह एप चर्चा में आया था। दुर्ग से निकलकर मामला प्रदेश के विभिन्न जिलों तक पहुंचा लेकिन राजनांदगांव जिले की पुलिस संभवत: उदासीन बनी रही।
तभी तो इसी के चलते अभी तक कोई बड़ी कार्यवाही यहां ऑनलाइन सट्टे को लेकर पुलिस ने दर्ज नहीं की है। जबकि बताया तो यह तक जाता है कि ऑनलाइन सट्टे का बहुत बड़ा मार्केट राजनांदगांव में न केवल फैला हुआ है बल्कि फैलता ही जा रहा है।