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रायपुर। स्कूली शिक्षा से जुड़े हुए विद्यार्थियों की कमजोर आंखों का उपचार शासकीय मद से कराया जा सकता है। आने वाले दिनों में सरकार अपने खर्च पर स्कूली विद्यार्थियों की आंखों की जांच कर उन पर जरूरत के मुताबिक चश्में लगा सकती है।
सूत्र बताते हैं कि शासकीय मद से शालेय विद्यार्थियों की आंखों की जांच का क्रम पड़ोसी प्रांत उड़ीसा में काफी समय से चल रहा है। उड़ीसा की ही तर्ज पर अब यहां पर भी इस कार्यक्रम को लगातार चलाया जा सकता है।
प्राथमिक-माध्यमिक स्तर को प्राथमिकता
इन दिनों प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की आंखों में कमजोरी की समस्या बेहद गंभीरतापूर्वक नजर आती है। दरअसल मोबाइल व टीवी के चलन ने इस समस्या को बढ़ावा दिया है।
उल्लेखनीय है कि प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के कई विद्यार्थी अपनी शालाओं में कई मर्तबा दृष्टिदोष के चलते पढ़ने में पीछे रह जाते हैं। इसी समस्या का निदान अब आने वाले दिनों में शुरू होने वाली योजना में देखा जा रहा है।
बताया जाता है कि प्रदेश स्तर पर योजना प्रभावी तरीके से लागू होगी। हालांकि अभी इसके लिए किसी भी तरह की तैयारी की कोई खबर नहीं है लेकिन इसे आचार संहिता लगने के पूर्व लागू किया जा सकता है। फिलहाल इस पर बैठकों का दौर जारी है।