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नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के तथाकथित शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए लोगों पर 21 अगस्त तक किसी भी तरह की कठोर कार्यवाही नहीं की जा सकेगी। यह आदेश देश के सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। दरअसल 21 अगस्त को केस की अगली सुनवाई की तिथि तय की गई है।
छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर जो शराब घोटाला हुआ है उसमें रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा सहित दो अन्य अधिकारियों और दो अन्य व्यक्तियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जुर्म दर्ज कर रखा है। टुटेजा के अतिरिक्त इसमें आईएएस निरंजन दास व भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड के अधिकारी एपी त्रिपाठी जो कि इन दिनों छत्तीसगढ़ में सेवा दे रहे थे के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध है।
फिलहाल मिली है राहत
इस मामले में ग्रेटर नोएडा के कसाना थाने में उक्त आरोपियों के खिलाफ एक प्रकरण दर्ज किया गया है। इस पर आरोपियों की ओर से दुर्भावनापूर्वक केस बनाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल याचिकाकर्ताओं को राहत प्रदान की है। यूपी पुलिस को कठिनतम कार्यवाही नहीं करने के आदेश दिए गए हैं। अब जब 21 अगस्त को तय तिथि पर सुनवाई होगी तब तक टुटेजा व रायपुर महापौर के भाई अनवर ढेबर पर नो कोर्सिव एक्शन का आदेश लागू रहेगा।
उक्त आरोपियों सहित होलोग्राम निर्माता कंपनी के संचालक विधु गुप्ता पर ईडी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर भारतीय दंड विधान की धारा 420, 468, 471 जो कि जालसाजी से संबंधित है पर जुर्म दर्ज किया गया था।
प्रिज्म होलोग्राफी एवं सिक्यूरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के गुप्ता सहित उक्त अधिकारियों पर जालसाजी के लिए नकली मुहर बनाने एवं रखने के मामले में धारा 473, लोकसेवक द्वारा इस्तेमाल किए गए नकली चिन्ह के मामले में धारा 484 सहित अपराधिक साजिश के मामले में धारा 120बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है।