नेशन अलर्ट/बिलासपुर.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के फर्जी हस्ताक्षर कर, फर्जी सील लगाकर ठगी करने वाली सहायक उप पुलिस निरीक्षक (एएसआई) पर अपराध दर्ज कर पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है। मामले का खुलासा जब हुआ तब तक गवर्नमेंट प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ अकाउंट) से एक करोड़ रूपए निकाल लिए गए थे। हालांकि इसमें से कुछ राशि पोल खुल जाने के डर से वापस डाल दी गई थी लेकिन अब तक 59 लाख रूपए की धोखाधड़ी को लेकर पुलिस अपने ही साथियों को सजा दिलाने जुटी हुई है।
दरअसल, मामले का खुलासा तब हुआ जब एसएसपी श्रीमति पारूल माथुर ने जीपीएफ के खाते देखना शुरू किए। यहां उन्हें थोड़ी गड़बड़ नजर आई तो उन्होंने विभागीय जांच का जिम्मा डीएसपी राजेश श्रीवास्तव को सौंप दिया। डीएसपी राजेश श्रीवास्तव की जांच में प्रकरण सहीं पाया गया। इस पर शासकीय राशि के गबन, धोखाधड़ी, कूरचना, अपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप में भादंवि की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत केस दर्ज कराया गया।
कैसे और किसके साथ मिलकर की ठगी
उल्लेखनीय है कि बिलासपुर के एसपी ऑफिस में एएसआई (एम) के पद पर मधुशीला सुरजाल वर्षों से पदस्थ हैं। उसके पास फंड शाखा की जिम्मेदारी थी। उसने बेलगहना पुलिस चौकी में पदस्थ हेड कांस्टेबल संजय श्रीवास्तव के साथ मिलकर जीपीएफ की रकम में हेराफेरी करना प्रारंभ कर दिया।
एसएसपी पारूल माथुर ने जब जीपीएफ खाते की फाइल का निरीक्षण किया तो उन्हें कुछ संदेह हुआ। संदेह के आधार पर डीएसपी हेडक्वाटर राजेश श्रीवास्तव को विभागीय जांच का जिम्मा सौंपते हुए उन्होंने एएसआई सुरजाल को लाइन अटैच कर दिया।
इधर डीएसपी श्रीवास्तव ने विभागीय जांच शुरू की तो उन्हें पता चला कि मामले में सह आरोपी संजय श्रीवास्तव के खाते में एएसआई सुरजाल ने बगैर किसी आवेदन के 15 लाख 75 हजार रूपए जमा कर दिए थे। धीरे धीरे मामला बढ़ता गया। जीपीएफ राशि में अधिक का भुगतान करने और राशि गबन करने की पुष्टि हुई।
जांच में पता चला कि जब कभी पुलिसकर्मी जीपीएफ की राशि निकालने के लिए आवेदन देता था तो उसमें एएसआई सुरजाल द्वारा कूटरचना की जाती थी। संबंधित कर्मचारी के खाते से अधिक रूपए निकालकर अपने खाते में दोनों आरोपी जमा कर लेते थे। डीएसपी श्रीवास्तव की विभागीय जांच रपट के बाद सिविल लाइन थाने में दो दिन पूर्व मामला पंजीबद्ध कराया गया।
डीएसपी श्रीवास्तव बताते हैं कि महिला एएसआई मधुशीला सुरजाल ने प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव के साथ मिलकर तकरीबन एक करोड़ रूपए निकाल लिए थे। जब विभागीय जांच शुरू हुई तो अपनी पोल खुल जाने के डर से सुनियोजित तरीके से गबन की गई राशि में से कुछ राशि जमा करा दी गई। बाद में स्पष्ट हुआ कि फिर भी 59 लाख रूपए का गबन पुलिस के खाते से किया जा चुका है।
बेलगहना पुलिस चौकी में पदस्थ संजय श्रीवास्तव को एसएसपी श्रीमति पारूल माथुर ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। जबकि एएसआई मधुशीला सुरजाल को निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल वह फरार है और पुलिस उसकी जांच में जुटी हुई है। डीएसपी श्रीवास्तव के मुताबिक प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव बलात्कार के एक प्रकरण में पूर्व में जेल होकर आ चुका है। उस पर धोखाधड़ी का भी आरोप है। धोखाधड़ी के मामले में उसके विरूद्ध एक महिला ने सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज कराया था।