नेशन अलर्ट/रायपुर.
राजस्थान की राजधानी जयपुर में इस बार जनवादी लेखक संघ (जलेसं) के बैनर तले 23 सितंबर से साहित्यकार जुटेंगे। मनुवादी-फासीवादी हमलों के खिलाफ होने वाले जलेसं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन 25 सितंबर को होगा। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के भी लेखक, आलोचक, कवि और बुद्धिजीवी शामिल होंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही सम्मेलन में मनुवादी-फासीवादी हमलों के खिलाफ कलाकार थीम पर वैचारिक बहस-मुबाहसे के साथ ही संगठन की गतिविधियों पर चर्चा की जाएगी। आज के सांप्रदायिक-फासीवादी माहौल में धर्मनिरपेक्षता और आम जनता के जनवादी अधिकारों की रक्षा के संघर्ष में संस्कृतिकर्मियों और बुद्धिजीवियों की महती भूमिका पर चर्चा होगी। इस उद्देश्य के लिए उन्हें एकजुट करने की जरूरत पर विचार विमर्श किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष कपूर वासनिक, उपाध्यक्ष परदेशीराम वर्मा और महासचिव नासिर अहमद सिकंदर ने बताया कि जयपुर के जवाहर कला केंद्र में आयोजित इस 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में पूरे देश से 500 से अधिक साहित्यकार और साहित्य प्रेमी हिस्सा लेंगे। छत्तीसगढ़ से इस सम्मेलन में 20 से अधिक प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे। इसमें प्रसिद्ध कवि विजय सिंह, शायर मुमताज, रंगकर्मी अशोक बम्बार्डे आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि जलेसं के इस सम्मेलन का उदघाटन प्रसिद्ध पत्रकार पी.साईनाथ करेंगे। अध्यक्षता असगर वज़ाहत, मुरली मनोहर सिंह और जीवन सिंह करेंगे। अपने सांप्रदायिकता विरोधी लेखन के लिए चर्चित राम पुनियानी सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगे। लेखकों-संस्कृतिकर्मियों के इस तीन दिनी समागम को चंचल चौहान, आनंद कुमार, नंदिता नारायण, रतनलाल, बेंजवाड़ा विल्सन जैसे कई बुद्धिजीवी संबोधित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में इस समय दुर्ग, बालोद, धमतरी, कवर्धा, भाटापारा, चांपा-जांजगीर, बिलासपुर, बेमेतरा, कांकेर, राजनांदगांव सहित कई जिलों में जनवादी लेखक संघ की सक्रिय इकाईयां हैं। परदेशीराम वर्मा ने बताया कि जलेसं का छत्तीसगढ़ राज्य सम्मेलन दिसंबर में भिलाई में आयोजित किया जाएगा।