नेशन अलर्ट/कांकेर.
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने मिलने का गोपनीय प्लान तैयार कर रखा है। मुलाकात छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमले को लेकर की जाएगी। मुलाकात का दिन, तारीख, समय पत्रकारों की सुरक्षा को देखते हुए गोपनीय रखा जा रहा है लेकिन इतना तय है कि मुलाकात पड़ोसी राज्य तेलंगाना में हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि बस्तर का एक गांव इन दिनों चर्चा का विषय है। खोड़गांव नामक यह ग्राम नारायणपुर जिले के अंतर्गत आता है। इसी गांव में विभिन्न संस्थानों से जुड़े गार्गी वर्मा, मुकेश चंद्राकर जैसे पत्रकारों के साथ मारपीट की खबर आई थी। सामाजिक कार्यकर्ता केशव सोरी के साथ उक्त पत्रकार रावघाट किसी विषय पर कवरेज के लिए गए हुए थे। इसी दौरान उन पर 24-25 बाइक पर सवार आए युवकों के द्वारा हमला किया गया। इन युवकों को कथित तौर पर पुलिस से जुड़ा बताया जा रहा है।
विरोध में सामने आए शुक्ला
मामला अब गंभीर होते जा रहा है। वर्षों से पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग करने वाले बस्तर के सक्रिय पत्रकार कमल शुक्ला उक्त घटना के विरोध में सामने आए हैं। शुक्ला बताते हैं कि ऐसा छत्तीसगढ़ में पहली बार नहीं हुआ है बल्कि बार बार हो रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार, पुलिस और प्रशासन पत्रकारों के शोषण में आज तक रोक नहीं लगा पाए हैं।
शुक्ला कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलकर इस विषय पर बातचीत की जाएगी। उनके बताए अनुसार राहुल से मुलाकात तय है लेकिन यह कब होगी, कैसे होगी, कौन कौन इसमें शामिल रहेगा यह सब पत्रकारों की निजी सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल गोपनीय रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि जिस रावघाट की कवरेज के दौरान पत्रकारों के साथ मारपीट की बात सामने आई है उस रावघाट से बीएसपी के लिए आयरन ओर का खनन किया जा रहा है। शुक्ला के शब्दों में मारपीट की घटना के बाद पत्रकार एफआईआर कराने पुलिस के पास पहुंचे भी थे लेकिन पुलिस ने एफआईआर करने से इनकार कर दिया। पूरे प्रकरण में किन्हीं बंसल सरनेम नामक डीएसपी का नाम उभरकर सामने आ रहा है।
नारायणपुर और अंतागढ़ के बीच खोड़गांव स्थित है। रावघाट लौह अयस्क परियोजना पर खबर बनाने अलग अलग संस्थानों से जुड़े पत्रकार बीते दिनों गए हुए थे। इन्हीं पत्रकारों को बगैर किसी नंबर प्लेट की बोलेरो में आए डीएसपी बताए जा रहे किन्हीं बंसल नामक व्यक्ति ने रोका था। तकरीबन 15 मिनट के बाद कथित रावघाट परियोजना समर्थकों ने पत्रकारों पर हमला कर दिया था। प्रत्यक्षदर्शी हमलावरों को डीआरजी के जवान बता रहे हैं जो कि सादी वेशभूषा में आए हुए थे।