नेशन अलर्ट/दुर्ग.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के जिस समय दुर्ग में मौजूद होने को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क था ठीक उसी समय दुर्ग जिले की पुलिस आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज करने में व्यस्त थी। मामला दरअसल, रायपुर नाका दुर्ग में बने अंडरब्रिज के उद्घाटन को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों को समझाने में असफल रहने के बाद उन्हें खदेड़ने पुलिस द्वारा दिखाई गई ताकत से जुड़ा हुआ है।
प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा आज दुर्ग के प्रवास पर थे। डीजीपी जुनेजा दुर्ग संभाग में शामिल सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों की एक बैठक लेने आए हुए थे। डीजीपी की अगवानी में दुर्ग रेंज के आईजी बीएन मीणा पुलिस अधीक्षक दुर्ग डॉ.अभिषेक पल्ल्व के साथ दुर्ग पुलिस कंट्रोल रूम में मौजूद थे। इधर पुलिस को आंदोलनकारियों से जूझना पड़ रहा था।
झूमा झटकी में कई घायल
दरअसल, मामला रेल्वे अंडरब्रिज के उद्घाटन को लेकर पनपा था। हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ दुर्ग नगर निगम के वार्ड 21 के पार्षद अरूण सिंह आज आंदोलन कर रहे थे। अरूण सिंह बताते हैं कि इसके पहले वह कलेक्टर को ज्ञापन सौंप चुके थे कि यदि शीघ्र उद्घाटन नहीं हुआ तो वह 15 सितंबर को खुद अपने हाथों से अंडरब्रिज में आवागमन के लिए रास्ता खोलकर इसे जनता के लिए समर्पित कर देंगे।
अरूण के मुताबिक अंडरब्रिज पूरा बन चुका है। दुर्ग के विधायक अरूण वोरा मुख्यमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कराना चाहते हैं। उन्होंने वोरा पर आरोप लगाया है कि उन्हीं के कहने पर अंडरब्रिज का उद्घाटन नहीं हो रहा है जबकि जनता आवागमन को लेकर परेशान हैं। ज्ञापन सौंपने के बावजूद जब कार्यवाही नहीं हुई तो वे आज हिंदू युवा मंच के कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे थे।
प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने पुलिस के बताए अनुसार वहां रखी कुर्सियों को तोड़ दिया। अंडरब्रिज के सामने का बैरिकेट भी तोड़ दिया लेकिन लोहे की वेल्डिंग से बनाए गए अवरोध को नहीं तोड़ सके। इधर अरूण कहते हैं कि पुलिस ने आज उन्हें भले ही रोक दिया है लेकिन आगे वह इस अंडरब्रिज को शीघ्र जनता के लिए खोल दे नहीं तो वह और उग्र कदम उठाएंगे।
इस दौरान हुई झूमा झटकी में कई कार्यकर्ताओं और पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी घायल हुए हैं ऐसा पता चला है। बताया जाता है दुर्ग सीएसपी अभिषेक झा को भी चोट आई है। झूमा झटकी के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज करके पार्षद अरूण सिंह सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
इधर सीएसपी झा के साथ ही दुर्ग के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) मुकेश रावटे कहते हैं कि अभी तक अंडरब्रिज पूरी तरह से पूर्ण नहीं हुआ है। काम पूरा करते ही ठेकेदार इसे जब हैंडओवर करेगा तब इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 40 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े इस ब्रिज के बन जाने से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी।
अधिकारिक जानकारी बताती है कि ब्रिज का निर्माण वर्ष 2019 के मार्च माह में शुरू हुआ था। ब्रिज के निर्माण पर 7.2 करोड़ का खर्च अनुमानित रखा गया है। भारी भरकम खर्च के बावजूद ब्रिज का निर्माण ऐसी कछुआ चाल से हो रहा है कि जिस ब्रिज को वर्ष 2020 के अप्रैल माह में पूरा हो जाना था वह अब तक अधिकारियों के मुताबिक पूर्ण नहीं हो पाया है।