नेशन अलर्ट/राजनांदगांव.
सिकंदराबाद के रूबी होटल में लगी एक भीषण आग ने राजनांदगांव के होटलों की ओर भी ध्यान आकृष्ट करने मजबूर किया है। ईश्वर न करे लेकिन यदि राजनांदगांव के किसी होटल में रूबी होटल की तरह आग लगी तो बचाव के कोई बहुत ज्यादा पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आते है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक तेलंगाना का एक शहर है ग्रेटर हैदराबाद… इसी का एक हिस्सा सिकंदराबाद के नाम से जाना जाता है। यहां स्थित रूबी होटल की बिल्डिंग के बेसमेंट में रूबी इलेक्ट्रिकल व्हीकल नाम का एक शोरूम स्थित है। इसी शो रूम में एक बाइक की बैटरी के फटने से अचानक आग लगी।
आग ने धीरे-धीरे पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया। आग ऊपर से धुआं… इन जैसे कारणों के चलते बिल्डिंग में मौजूद लोगों का दम घुटना चालू हुआ। एक के बाद एक तकरीबन आठ लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक महिला भी बताई गई है। कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं जिनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। फिलहाल दस घायल पता चले हैं।
हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर ने हादसे की पुष्टि की है। उन्होंने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। उनकी ओर से बताया गया है कि किसी काम से हैदराबाद आए हुए लोग इसी लॉज में ठहरे हुए थे। जब हादसा हुआ तब ये इसकी चपेट में आ गए। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है।
नांदगांव की होटलों में पर्याप्त इंतजाम नहीं
बहरहाल, हादसों से सबक लेना चाहिए। जब सिकंदराबाद की रूबी होटल में आग लगी तो नांदगांव की होटलों पर ध्यान दिया गया। बीते दो-तीन साल के अंदर नांदगांव में होटल का व्यवसाय बड़ी तेजी से पनपा है। रेल्वे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र में दो-तीन नई नई होटलें खुल चुकी हैं। इसी तरह जीई रोड के किनारे भी होटल स्थापित की जाने लगी है। अमूमन होटलों में फायर फाइटिंग सिस्टम तो होता ही है लेकिन यदि आगजनी हो जाए तो होटल से बाहर निकलने का मुख्य द्वार के अलावा कोई दिगर रास्ता नहीं होता है। यह कमी यहां की भी कुछ एक होटल में देखी जा रही है। नांदगांव की होटल्स में यदि (ईश्वर ना करे) आग लगती है तो बाहर निकलने मुख्य द्वार के अलावा और कोई विकल्प नहीं बताया जाता है। समय रहते प्रशासन ने यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया तो कभी भी किसी तरह का गंभीर हादसा हो सकता है।