नेशन अलर्ट/रायपुर.
छत्तीसगढ़ की धरती पर विधानसभा चुनाव के पूर्व ही तैयारियों को लेकर एक तरह से क्रिकेट का टी-20 प्रारूप का मैच खेला जाने लगा है। कोई अपनी कैरम बॉल और दूसरा फेंक कर अपने आप को श्रेष्ठ ऑफ स्पिनर बता रहा है तो कोई गेंदबाज गुगली, टॉप स्पिन से परे लेग स्पिनर के घातक हथियार फ्लिपर से सामने वाले टीम के बल्लेबाज को नचा रहा है। राजनीति के क्रिकेट में भाजपा के द्वारा जानबुझ कर जो चूक की गई उस पर प्रतिक्रिया जताते हुए मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस ने अपने सारे डिफेंस खोलकर भाजपाई गेंदबाजी के बाद उसके बल्लेबाजों को खुलकर खेलने की स्थित निर्मित कर दी है।
दरअसल, आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश ऊर्फ जेपी नड्डा अपने तीन दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ की पावन धरा में उतरे थे। नड्डा साहब का असर भाजपा के भीतर क्या और कैसा है यह जानने समझने आपको आज उनके स्वागत में भाजपाईयों द्वारा की गई पहल पर नजर डालनी पड़ेगी। इसी नजर में आपको कहीं कुछ ऐसा नजर आएगा जो कि भले ही भाजपा की चूक माना जा रहा है लेकिन भाजपा ने यह चूक जानबुझ कर की है ऐसा प्रतीत होता है।
क्या है मामला, क्या है चूक ?
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रदेश की राजधानी रायपुर में उतरने के शुभ अवसर पर भाजपाईयों द्वारा कई विज्ञापन छपवाए गए, कई विज्ञापन भाजपा के मीडिया सेल द्वारा सोशल मीडिया में जारी किए जाते रहे।
इन्हीं में से एक विज्ञापन को देखने पर लगा कि भाजपा के दो राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे… एक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा साहब तो हैं ही दूसरे राष्ट्रीय अध्यक्ष के बतौर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह का नाम उल्लेखित है। उल्लेखनीय है कि भाजपा संगठन ने इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह को पार्टी के भीतर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैसे पद की जिम्मेदारी दे रखी है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को राष्ट्रीय अध्यक्ष लिख लेना वाकई चूक माना जा सकता है लेकिन ऐसा है नहीं यह लगता है। लगता तो यह भी है कि भाजपा डॉ.रमन सिंह के भविष्य को लेकर अपनी नीतियों के निर्धारण के पहले छत्तीसगढ़ की नस दबाना चाहती है। नाड़ी दबाने से उसे डॉ.रमन सिंह के प्रति छत्तीसगढ़ के लोगों में क्या धीमापन है और उनकी भावनाओं में क्या तेजी है यह समझने का समय और अवसर मिलेगा।
सम्मानजनक विदाई के हकदार रमन
दरअसल, भाजपा छत्तीसगढ़ में इस बार रमन सिंह को आगे कर चुनाव लड़ना नहीं चाह रही है। वह यह तो किसी नए नेतृत्व को आगे कर चुनाव लड़ेगी या फिर प्रधानमंत्री का चेहरा दिखाकर विधानसभा के लिए छत्तीसगढ़ के लोगों से समर्थन मांगेगी। इसके लिए डॉ.रमन सिंह को छत्तीसगढ़ भाजपा से सम्मानजनक विदाई देने की तैयारी भीतरखाने की जाने लगी है ऐसी जानकारी भाजपा को जानने वाले सूत्र देते रहे हैं।
वैसे भी डॉ.रमन सिंह ने साढ़े चार साल केंद्रीय मंत्री और पन्द्रह साल का समय राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर बड़ी गरिमा के साथ बिताया है। उनके साथ काम करने वाले अखिल भारतीय सेवा के आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के अलावा आईआरएस जैसे कैटेगरी के अफसर आज भी उन्हें लेकर बेहद सकारात्मक मानते रहे हैं।
भाजपा में डॉ.रमन को उनकी पद की गरिमा के अनुसार विदा करने पर विचार विमर्श किया जाने लगा है। स्थानीय स्तर के संगठन से लेकर राजधानी दिल्ली के राष्ट्रीय संगठन के स्तर पर डॉ.रमन सिंह के भविष्य का निर्धारण का प्रयास किया जा रहा है ऐसा सूत्र बताते हैं। वह यह भी बताते हैं कि सम्मानजनक विदाई के हक में भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री के अलावा देश के प्रधानमंत्री भी डॉ.रमन सिंह के समर्थन में खड़े नजर आते हैं।
तो क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे रमन
अब सवाल इस बात का उठता है कि क्या डॉ.रमन सिंह संगठन में वापस लौटकर संगठन की राजनीति करेंगे या फिर प्रदेश अथवा राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता की राजनीति में वह अपनी रूचि को संतुष्ट करने का प्रयास करेंगे ? रमन सिंह को नजदीक से जानने वाले लोग बताते हैं कि वह क्लास के उस स्टुडेंट की तरह हैं जो कि अपने मास्टर द्वारा कही गई हर बात का पालन करने पर विश्वास रखता है। उन्होंने कभी भी अर्जुन बनने की कोशिश नहीं की बल्कि वह एकलव्य बनकर अपने गुरू द्रोण की गुरूदक्षिणा चुकाते रहे हैं।
यह बात रमन सिंह के फेवर की है। संभवत: इसी के मद्देनजर पार्टी इस बार उसे जेपी नड्डा के अध्यक्ष पद से उतरते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर उनमें बची संभावनाओं और सकारात्मक राजनीति का दोहन कर लेना चाहती है… तो क्या डॉ.रमन सिंह आने वाले भविष्य के दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं ? रमन सिंह के प्रति छत्तीसगढ़ की प्रतिक्रिया क्या कुछ है यह जानने समझने ही भाजपा ने आज अपनी ओर से एक ऐसी गलती की जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर कांग्रेस सहित अन्य सभी लोगों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। अब आने वाले दिनों में इसका नतीजा नजर आ सकता है।